‘क्रिप्टोकरंसीज पर RBI गवर्नर की दो टूक, फिर अटकी निवेशकों की सांसें’

punjabkesari.in Saturday, Jun 05, 2021 - 01:28 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः हाल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आर.बी.आई.) ने क्रिप्टोकरंसीज के बारे में 2018 के अपने सर्कुलर के बारे में स्पष्टीकरण जारी किया था। इस पर देश की क्रिप्टो लॉबी खुशी से झूम उठी थी और उसने दावा किया था कि देश की क्रिप्टोकरंसी मार्कीट के बारे में केंद्रीय बैंक ने अपनी राय बदल दी है। क्रिप्टो इंडस्ट्री से जुड़ी हर कम्पनी ने आर.बी.आई. के रुख का स्वागत करते हुए बयान जारी किया था। उनके बयानों से देश में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी। लेकिन शुक्रवार को आर.बी.आई. ने सभी तरह की अटकलों पर विराम लगा दिया।

आर.बी.आई. के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मॉनीटरी पॉलिसी के बाद आयोजित प्रैस कॉन्फ्रैंस में क्रिप्टोकरंसीज के बारे में केंद्रीय बैंक के रुख को साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरंसी को लेकर आर.बी.आई. की गंभीर चिंताएं हैं और उसने इस बारे में सरकार को अवगत करा दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक निवेशकों को सलाह की बात है तो केंद्रीय बैंक कोई इनवैस्टमैंट एडवाइस नहीं देता है। अपने निवेश के बारे में निवेशकों को खुद ही फैसला करना है।’’ उनके बयान से साफ है कि आर.बी.आई. क्रिप्टोकरंसीज को कोई मान्यता नहीं देता है। 

हाल में बैंकों ने बिटक्वॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसीज में डील करने वाले ग्राहकों को सेवाएं नहीं देने का फैसला किया था। इससे क्रिप्टोकरंसीज के निवेशक परेशान हो गए थे। इस पर आर.बी.आई. ने एक स्पष्टीकरण जारी करके कहा था कि बैंक इस मामले में 2018 के जिस सर्कुलर का हवाला दे रहे हैं उसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर चुका है, इसलिए अब इस सर्कुलर की कोई वैधता नहीं रह गई है और इसका संदर्भ नहीं दिया जा सकता है। क्रिप्टो इंडस्ट्री ने इसका स्वागत किया था लेकिन आर.बी.आई. के ताजा रुख से एक बार फिर उसकी सांसें अटक गई हैं। 

सरकार का रुख साफ नहीं 
इस बारे में सरकार का रुख साफ नहीं है। सरकार देश में क्रिप्टोकरंसीज को रेग्युलेट करने के लिए एक बिल लाने की तैयारी में है। इस बिल के प्रावधानों के मुताबिक क्रिप्टोकरंसीज में किसी तरह की डीङ्क्षलग अवैध होगी लेकिन अभी यह साफ नहीं है कि इस बिल को कब संसद में पेश किया जाएगा। लेकिन आर.बी.आई. कई बार अपना रुख साफ कर चुका है। यह क्रिप्टो को एक एसैट के रूप में देखने वाले कॉमन इनवैस्टर्स के लिए साफ संकेत है कि रेग्युलेशन के अभाव में इसमें भारी जोखिम है।

GDP से जुड़ी प्रमुख बातें
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए देश की जी.डी.पी. का अनुमान 10.5 प्रतिशत से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया है। वहीं महंगाई दर पर दास ने कहा कि पहली तिमाही में महंगाई दर 5.20 फीसदी रह सकती है, दूसरी तिमाही में 5.4 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.7 और चौथी तिमाही में यह 5.3 फीसदी हो सकती है। उन्होंने कहा कि बैंकों तथा गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनियों का अपनी पूंजी की स्थिति को और मजबूत करना चाहिए क्योंकि कोविड-19 की दूसरी लहर से उत्पन्न परिस्थितियों में ऋण की वसूली प्रभावित हो सकती है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

jyoti choudhary

Recommended News

Related News