RBI के आंकड़ों ने दिए मंदी के सूबत, कमर्शियल सैक्टर के वित्तीय लेन-देन में 88% की गिरावट

punjabkesari.in Tuesday, Oct 08, 2019 - 10:55 AM (IST)

नई दिल्लीः केन्द्र सरकार देश में मंदी की खबरों को लगातार नकारती रही है लेकिन केन्द्रीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) के आंकड़े सरकार से अलग कहानी बयां कर रहे हैं। आर.बी.आई. के आंकड़ों के हिसाब से भारतीय अर्थव्यवस्था में मंदी के लक्षण दिख रहे हैं। भारत के मौजूदा वित्तीय वर्ष के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 6 माह में कमर्शियल सैक्टर में फंड फ्लो काफी धीमा रहा है। वित्तीय लेन-देन में करीब 88 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

फंड फ्लो में गिरावट
आर.बी.आई. के आंकड़ों के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2019-20 के अप्रैल से सितम्बर माह तक बैंकिंग और नॉन-बैंकिंग सैक्टर से कमर्शियलल सैक्टर में फंड फ्लो 90,995 करोड़ रुपए था, जबकि पिछले साल इसी दौरान फंड फ्लो 7,36,087 करोड़ रुपए था। कमर्शियल सैक्टर में खेती, मैन्यूफैक्चरिंग और परिवहन शामिल नहीं है। पिछले साल अप्रैल से मध्य सितम्बर के दौरान नॉन-बैंकिंग फाइनैंशियल कम्पनी (एन.बी.एफ.सी.) का कमर्शियल सैक्टर को फंड फ्लो 41,200 करोड़ रुपए था लेकिन इस साल कमर्शियल सैक्टर से एन.बी.एफ.सी. को फंड फ्लो रिवर्स 1.26 लाख करोड़ रुपए रहा।

RBI ने घटाया विकास दर अनुमान
बैंकों से कमर्शियल सैक्टर में होने वाला नॉन-फूड क्रैडिट फ्लो 1.65 लाख करोड़ रुपए से घटकर 93,000 करोड़ रुपए हो गया लेकिन गैर-बैंकिंग स्रोत से फंडिंग में 9 गुना की बढ़ौतरी हुई है और यह आंकड़ा 58,326 करोड़ पर पहुंच गया है। भारतीय अर्थव्यवस्था में पिछली कुछ तिमाही से गिरावट दर्ज की गई है। अप्रैल-जून की तिमाही में आर्थिक विकास दर 5 फीसदी से नीचे चली गई थी, जो पिछले 6 साल का सबसे खराब परफॉर्मैंस था। रिजर्व बैंक ऑफ  इंडिया ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जी.डी.पी. का अनुमान 6.9 फीसदी से घटाकर 6.1 फीसदी कर दिया है।


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Supreet Kaur

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