CAG रिपोर्ट में रेलवे के मुनाफे के दावे की खुली पोल, इतिहास में पहली बार हुआ 26,338 करोड रुपए का नुकसान

punjabkesari.in Thursday, Dec 23, 2021 - 12:22 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः महालेखापरीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में रेलवे के दावों की पोल खुल गई है। कैग की रिपोर्ट के अनुसार रेलवे को पिछले एक साल में 26 हजार 338 करोड रुपए का घाटा हुआ। माना जा रहा है कि रेलवे को इतिहास में पहली बार इतना घाटा हुआ है। रेल मंत्रालय के अनुसार रेलवे ने 1,589 करोड़ रुपए का नेट सरप्लस दिखाया गया था, जो कैग की रिपोर्ट के अनुसार गलत साबित हुआ है। कैग ने 21 दिसंबर को रेलवे के समक्ष फाइनांस रिपोर्ट पेश की थी। 

2019-20 में रेलवे 26,326 करोड़ के नैगेटिव बैलेंस से जूझ रहा था
साल 2019-20 में रेलवे का ऑप्रेटिंग रेशो 114.35 फीसदी था यानि 100 रुपए कमाने में 114.35 रुपए खर्च कर रहा था लेकिन की अकाऊंटैंसी का दावा है कि उक्त वर्ष ऑप्रेटिंग रेशो 98.36 फीसदी रहा।

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कैग ने मंगलवार को संसद में रेलवे वित्त प्रतिवेदन के तीन अध्याय पेश किए हैं। पहले अध्याय में रेलवे की वित्तीय स्थिति के बारे में रेलवे ने दावा किया कि 2019-20 में विभाग के पास नेट सरप्लस 1589.42 करोड़ रुपए था, जबकि हकीकत यह है कि इस वित्तीय वर्ष में रेलवे 25,326.39 करोड़ के नैगेटिव बैलेंस से जूझ रहा था।  

कैग ने रेलवे के दावों को नकारा
कैग की रिपोर्ट में यह साफ कहा गया है कि रेलवे का परिचालन अनुपात 2018-19 में 97.29 फीसदी था जो 2019-20 में बढ़कर 98.36 फीसदी हो गया लेकिन अगर पेंशन भुगतान पर वास्तविक खर्च को ध्यान में रखा जाए तो रेलवे का परिचालन अनुपात 2019-20 में 98.36 फीसदी के बजाय 114.35 फीसदी होता है। कैग ने रेलवे के दावों को नकारते हुए कहा कि इस तरह रेलवे की तरफ से दर्शाया गया 98.36 फीसदी परिचालन अनुपात उसके वास्तविक परिचालन अनुपात को नहीं दिखाता है।

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पैसेंजर ट्रेनों से होने वाली कमाई 70% घटी
कोविड-19 महामारी ने भारतीय रेलवे की आय पर एक बड़ा असर डाला है। रेलवे ने वित्त वर्ष 2020-21 में पैसेंजर रेवेन्यू में 70 फीसदी की गिरावट दर्ज की है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान पहले राष्ट्रीय लॉकडाउन के कारण रेलवे सेवाएं प्रभावित हुईं और देश के विभिन्न हिस्सों में आंशिक रूप से लॉकडाउन जारी रहा। भारतीय रेलवे ने भी लॉकडाउन के दौरान नियमित ट्रेन सेवाओं को निलंबित कर दिया था।

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संसद में एक सवाल के जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, रेलवे का पैसेंजर रेवेन्यू वित्त वर्ष 2020-21 में घटकर मात्र 15,248.59 करोड़ रुपए रह गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 50,669.09 करोड़ रुपए था।

हालांकि, माल ढुलाई रेवेन्यू में वृद्धि से कुछ हद तक नुकसान की भरपाई हो पाई, जो वित्त वर्ष 2019-20 में 1,13,487.89 करोड़ रुपए के स्तर से बढ़कर वित्त वर्ष 2020-21 में 1,17,231.82 करोड़ रुपए हो गया। माल ढुलाई में ज्यादा आय के साथ भी रेलवे का कुल ट्रैफिक रेवेन्यू वित्त वर्ष 2019-20 में 1,74,660.52 करोड़ रुपए के स्तर से 34,144.86 करोड़ रुपए से अधिक गिरकर 1,40,515.66 करोड़ रुपए हो गया।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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