निजता सरकार, लोगों के बीच भरोसे का मामला: राजीव कुमार

punjabkesari.in Wednesday, Sep 13, 2017 - 03:14 PM (IST)

नई दिल्लीः लोगों से जुड़ी जानकारी की गोपनीयता को लेकर जारी बहस के बीच नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने आज कहा कि निजता सरकार और लोगों के बीच भरोसे का मामला है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर कोई क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करता है तो शायद ही निजी जानकारी की गोपनीयता बचती है। कुमार ने कहा कि आज की दुनिया में ‘टेलीकॉलर’ को भी पता होता है कि लोग क्या खरीदते हैं और उन्हें क्या जरूरत है।

वित्तीय समावेशी पर यह आयोजित एक परिचर्चा में भाग लेते हुए कुमार ने कहा, ‘‘सरकार और लोगों के बीच अविश्वास पर आपका ध्यान गया होगा। निजता के बारे में जो चर्चा जारी है, उसके मूल में यह है। अगर मैं मास्टरकार्ड के लिए आवेदन करता हूं, मेरी कोई निजता नहीं बचती। मेरे पास टेलीकॉलर का फोन आता है, जिसे पता होता है कि मुझे क्या खरीदना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमारे अंदर निजता को लेकर कोई भ्रम है, आप सोशल मीडिया पर गतिविधियां और क्रेडिट कार्ड लेना बंद कीजिए।’’

नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने यह बात ऐसे समय कही है जब उच्चतम न्यायालय में सरकार द्वारा विभिन्न सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के लिए आधार को अनिवार्य किए जाने को लेकर विभिन्न याचिकाओं के जरिए चुनौती दी गई है। यह मामला पिछले महीने उस सुर्खियों में आया जब शीर्ष अदालत ने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार करार दिया। कुमार ने कहा कि वित्तीय समावेशी कार्यक्रम लंबे समय से जारी है लेकिन मौजूदा सरकार के 2014 में सत्ता में आने तक हमारी आबादी का 70 प्रतिशत हिस्सा बैंक सेवाओं से वंचित था। उन्होंने कहा, ‘‘वित्तीय समावेशी से परिवार को अपनी बचत बढ़ाने में मदद मिलेगी।’’     


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