पॉपकॉर्न के शौकीनों की जेब पर बढ़ेगा बोझ, देना पड़ेगा 18% GST

punjabkesari.in Friday, Jun 26, 2020 - 02:47 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः देश में खाने के ज्यादातर सामान पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर पांच फीसदी है। हाल ही में अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग की कर्नाटक पीठ ने पराठे पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला किया गया था। अब पॉपकॉर्न को सामान्य खाने से हटाकर खास क्लब में शामिल किया गया है। पॉपकॉर्न पर भी 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगाया गया है।

एएआर ने लिया फैसला 
वहीं कॉर्न यानी मक्के के पैकेट पर पांच फीसदी की दर से ही जीएसटी लगेगा। पर अथॉरिटी फॉर एडवांस्ड रूलिंग (एएआर) के फैसले के अनुसार खाने के लिए तैयार पॉपकॉर्न पर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा।

इस संदर्भ में विशेषज्ञों का कहना है कि मोदी सरकार यह सोचकर जीएसटी सिस्टम लाई थी कि पूरे देश में एक टैक्स लागू हो और इससे कारोबार में भी आसानी होगी। साथ ही टैक्स कलेक्शन बढ़ेगा लेकिन कई उत्पादों पर सैकड़ों क्लासिफिकेशन नॉर्म हैं, जो व्यवसायियों और उपभोक्ताओं को कनफ्यूज करते हैं। 

अनाज पर 5%GST
मामले में पॉपकॉर्न बनाने वाली सूरत की कंपनी जय जलाराम एंटरप्राइजेज ने एएआर से अपील की है। कंपनी ने आग्रह किया है कि उसके उत्पाद पर 5 फीसदी की दर से ही जीएसटी लगे, क्योंकि इसमें कॉर्न है, जो अनाज का ही एक प्रकार है। देश में अनाजों पर पांच फीसदी जीएसटी लगता है। हालांकि एएआर ने अपील ठुकरा दी गई और और पॉपकॉर्न पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगाने का फैसला लिया गया। 

खाद्य पदार्थों का वर्गीकरण
खाने के ज्यादातर पदार्थ जो कि प्रोसेस्ड नहीं होते और आवश्यक हैं, उनपर जीएसटी की कोई दर नहीं लगती है। प्रोसेस्ड फूड पर पांच फीसद, 12 फीसदी और 18 फीसदी तक का टैक्स लगता है। उदाहरण के लिए समझें कि पापड़, ब्रेड पर कोई जीएसटी नहीं लगता लेकिन पिज्जा ब्रेड पर पांच फीसदी जीएसटी लगता है।
 


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jyoti choudhary

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