पीएम मोदी ने रेहड़ी-पटरी वालों के लिए कर्ज की समीक्षा की, खुद कर रहे निगरानी
punjabkesari.in Sunday, Jul 26, 2020 - 12:12 PM (IST)
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की ‘पीएम-स्वनिधि’ योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा की। यह योजना रेहड़ी-पटरी वालों को छोटा कार्यशील पूंजी कर्ज उपलब्ध कराने के लिए तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि इस योजना को सिर्फ कर्ज देने के रूप में नहीं बल्कि रेहड़ी-पटरी वालों के समग्र विकास और आर्थिक उत्थान के परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए।
योजना के लिए 2.6 लाख आवेदन मिले
कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर रेहड़ी-पटरी वालों को आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से शुरू की गई पीएम स्वनिधि योजना के तहत करीब 50 लाख लोगों को एक साल की अवधि के लिए 10,000 रुपये तक का गारंटी मुक्त कार्यशील पूंजी कर्ज दिया जा रहा है। समीक्षा के दौरान बताया गया कि योजना के लिए 2.6 लाख आवेदन मिल चुके हैं। इनमें से 64,000 आवेदनों को मंजूरी दी जा चुकी है और 5,500 से अधिक को कर्ज का भुगतान किया जा चुका है। प्रधानमंत्री ने योजना के कार्यान्वयन में पारदर्शिता, विश्वसनीयता और गति सुनिश्चित करने के लिए वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप के इस्तेमाल पर संतोष जताया।
डिजिटल लेनदेन जोर
गौरतलब है कि योजना को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय मोबाइल एप्लीकेशन सहित एक पूर्ण आईटी समाधान पर काम कर रहा है। मोदी ने कहा कि योजना के तहत डिजिटल लेनदेन का इस्तेमाल करने वालों को प्रोत्साहन मिलना चाहिए और इसके दायरे में कच्चे माल की खरीद से लेकर बिक्री, आय के संग्रह तक उनका पूरा कारोबार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान के उपयोग से रेहड़ी-पटरी वालों के क्रेडिट प्रोफाइल बनने में भी मदद मिलेगी, जिससे उनकी भविष्य की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने में आसानी होगी।
विकास और आर्थिक उत्थान के रूप में
प्रधानमंत्री ने कहा कि योजना को सिर्फ रेहड़ी-पटरी वालों को कर्ज देने के संदर्भ में नहीं देखना चाहिए, बल्कि इसे उनके समग्र विकास और आर्थिक उत्थान के रूप में देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस दिशा में एक कदम से उनका पूरा सामाजिक आर्थिक विवरण मिल जाएगा, जिससे आवश्यक नीतिगत कदम उठाना आसान हो जाएगा। पीएम स्वनिधि योजना के तहत समय से भुगतान करने पर ब्याज सब्सिडी और डिजिटल भुगतान करने पर कैशबैक जैसे प्रोत्साहन भी दिए जा रहे हैं।