'वन रैंक वन पेंशन' के 5 साल पूरे, पीएम मोदी ने पूर्व सैनिकों को दी बधाई

punjabkesari.in Saturday, Nov 07, 2020 - 06:21 PM (IST)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'वन रैंक, वन पेंशन' One Rank One Pension (OROP) योजना के पांच साल पूरा होने पर पूर्व सैनिकों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि OROP स्‍कीम की शुरूआत बीजेपी ने की और यह पूर्व सैनिकों की बेहतरी की दिशा में उठाया गया ऐतिहासिक कदम है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि, पांच साल पहले यह ऐतिहासिक कदम उठाया गया था। दशकों से सैनिक ओआरओपी का इंतजार कर रहे थे। मैं उल्लेखनीय सेवा के लिए पूर्व सैनिकों को सैल्‍यूट करता हूं।

 


पीएम मोदी के ट्वीट के मुताबिक, OROP योजना में बकाया के 10,795.4 करोड़ रुपए 20,60,220 रक्षा बलों के पेंशनरों और फैमिली पेंशनरों को बांटे गए हैं। ओआरओपी योजना में सालाना खर्च करीब 7123.38 करोड़ रुपए का है और 1 जुलाई, 2014 से शुरू होकर करीब छह साल के लिए है। ऐसे में कुल रिकरिंग एक्सपेेंसस करीब 42740.28 करोड़ रुपए का है।

पूर्व सैन्यकर्मी 45 साल से कर रहे थे OROP की मांग
बता दें कि साल 2014 में सत्ता में आते ही केंद्र की बीजेपी सरकार ने रिटायर सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन योजना लागू करने की घोषणा की थी। भारत सरकार ने 7 नवंबर, 2011 को एक आदेश जारी कर OROP योजना लागू करने का फैसला लिया था। वन रैंक-वन पेंशन योजना के अंतर्गत अलग-अलग समय पर रिटायर हुए एक ही रैंक के दो सैनिकों की पेंशन रकम में बड़ा अंतर नहीं होगा, यह सुनिश्चित किया गया है। पूर्व सैन्यकर्मी करीब 45 साल से OROP के कार्यान्वयन की मांग के लिए आंदोलन करते आ रहे थे। 

समान रैंक पर समान पेंशन सुनिश्चित
इस योजना के दायरे में 30 जून, 2014 तक रिटायर सैनिक आते हैं। OROP लाभार्थियों को 2.57 के मल्टीप्लिकेशन फैक्टर से पेंशन की गणना करते समय 7वें वेतन आयोग के तहत पेंशन तय होने का फायदा भी मिला। साल 2006 से पहले रिटायर हुए सैनिकों को कम पेंशन मिलती थी। इसमें से कई तो ऐसे थे कि उन्हें अपने से छोटे अफसर से भी कम पेंशन मिलती थी। इसे लेकर रिटायर सैनिकों में काफी आक्रोश था। लेकिन वन रैंक वन पेंशन योजना के तहत समान रैंक पर समान पेंशन सुनिश्चित किया गया है। 

 


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rajesh kumar

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