ऊंची कीमतों के कारण अप्रैल में पेट्रोल-डीजल की बिक्री में वृद्धि नरम रही

punjabkesari.in Sunday, May 01, 2022 - 06:22 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत में अप्रैल 2022 में पेट्रोल और डीजल की बिक्री में वृद्धि नरम रही, वहीं घरेलू रसोई गैस एलपीजी की खपत घटी है। ईंधन के दाम रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर पहुंचने की वजह से मांग प्रभावित हुई है। उद्योग के आरंभिक आंकड़ों से रविवार को यह जानकारी मिली है। मार्च, 2022 की तुलना में अप्रैल, 2022 में पेट्रोल की बिक्री में वृद्धि 2.1 फीसदी रही जबकि डीजल की मांग लगभग सपाट रही। रसोई गैस एलपीजी जिसकी मांग महामारी काल में भी बढ़ती रही थी, उसकी खपत में भी मासिक आधार पर अप्रैल में 9.1 फीसदी की गिरावट आई। 

सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतें करीब साढ़े चार महीने तक स्थिर रखने के बाद 22 मार्च को पहली बार बढ़ाई थीं। उसके बाद छह अप्रैल तक 16 दिन में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कुल 10-10 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी गई। घरेलू रसोई गैस की कीमत में भी 22 मार्च को 50 रुपए प्रति सिलेंडर की वृद्धि की गई थी जिसके बाद दिल्ली में सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर का दाम 949.50 रुपए पर पहुंच गया। इस मूल्यवृद्धि के कारण खपत में नरमी आई। 

पेट्रोलियम उद्योग के आरंभिक आंकड़ों के मुताबिक, सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने अप्रैल में 25.8 लाख टन पेट्रोल बेचा जो पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले करीब 20.4 फीसदी अधिक और 2019 की समान अवधि की तुलना में 15.5 फीसदी अधिक है। हालांकि, मार्च 2022 के मुकाबले खपत महज 2.1 फीसदी ही अधिक रही। देश में सबसे ज्यादा उपयोग में लाए जाने वाले ईंधन डीजल की बिक्री सालाना आधार पर 13.3 फीसदी बढ़कर करीब 66.9 लाख टन हो गई। यह अप्रैल, 2019 की बिक्री के मुकाबले 2.1 प्रतिशत अधिक है लेकिन इस साल मार्च में हुई 66.7 लाख टन की खपत की तुलना में महज 0.3 फीसदी अधिक है। 

मार्च के पहले पखवाड़े में पेट्रोल और डीजल की बिक्री क्रमश: 18 प्रतिशत और 23.7 प्रतिशत बढ़ गई थी। मार्च में डीजल की बिक्री बीते दो साल में किसी महीने में सर्वाधिक रही थी। अप्रैल में एलपीजी की खपत मासिक आधार पर 9.1 फीसदी गिरकर 22 लाख टन रही, यह अप्रैल, 2021 की तुलना में 5.1 फीसदी अधिक है। 
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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