जुलाई के अगले पखवाड़े में घटेंगे पेट्रोल व डीजल के दाम

punjabkesari.in Tuesday, Jul 13, 2021 - 02:24 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः पेट्रोल व डीजल के दाम जुलाई, 2021 के अंत तक रिकॉर्ड उच्च स्तर से नीचे आ सकते हैं लेकिन कीमतें ज्यादातर ग्राहकों की जेब के हिसाब से असहज बनी रहेंगी। कीमतों में कमी की वजह ब्रेंट क्रूड का दाम 75 डॉलर प्रति बैरल पर स्थिर होना है, जो इस महीने की शुरुआत में 77 डॉलर प्रति बैरल के उच्च स्तर पर था। भारत में पेट्रोलियम उत्पादों का खुदरा बिक्री मूल्य वैश्विक दाम के संकेतकों से जुड़ा हुआ है। हालांकि कच्चे तेल के संकेतकों पर यह यथावत नजर नहीं आता लेकिन कुल मिलाकर कच्चे तेल की कीमतें उसके मुताबिक होती हैं।

कच्चे तेल के लिए सबसे ज्यादा लोकप्रिय मार्कर ब्रेंट का कारोबार सोमवार को 74 डॉलर प्रति बैरल पर हुआ। भारत के बॉस्केट के कच्चे तेल की कीमत, जिस भाव पर भारत की रिफाइनरी कच्चा तेल खरीदती हैं, 73.99 डॉलर प्रति बैरल रहा। तुलनात्मक रूप से भारतीय बॉस्केट का औसत मूल्य जून में 71.63 डॉलर प्रति बैरल रहा है।

कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से पेट्रोलियम उत्पादों, जैसे पेट्रोल-डीजल और तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी या रसोई गैस) की कीमतों पर पड़ा और इसकी बिक्री रिकॉर्ड उच्च कीमतों पर हुई लेकिन कोविड-19 के बढ़ने के डर से कीमतों में तेजी को लगाम लगता दिख रहा है। कीमतों में कमी की एक वजह यह भी है कि कच्चे तेल के उत्पादन की सीमा को लेकर पेट्रोलियम निर्यात करने वाले देशों के संगठन ओपेक और उनके सहयोगी देशों के बीच सहमति नहीं बन सकी। ऐसे में कारोबारी बाजार में ज्यादा कच्चे तेल की आपूर्ति का अनुमान लगा रहे हैं और एक बार फिर कीमतें नीचे जा रही हैं।

भारत में पेट्रोल व डीजल का मानक इस अंतरराष्ट्रीय जिंस के एकसमान ग्रेड के मुताबिक तय होता है। भारत की तेल कंपनियां पेट्रोल व डीजल की कीमत 15 दिन पहले की कीमतों के मुताबिक तय करती हैं। ऐसे में अगर अंतरराष्ट्रीय दाम में आज गिरावट आती है तो पेट्रोल व डीजल की कीमतों में एक पखवाड़े बाद गिरावट आती है। कीमतों की वृद्धि के मामले में भी इसी नियम का पालन किा जाता है, अगर केंद्र सरकार कीमत रोकने को लेकर लिखित निर्देश नहीं देती।


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Content Writer

jyoti choudhary

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