कोयला आवंटन में कमी, रेल रैक उपलब्ध नहीं होने से कागज उद्योग बुरी तरह प्रभावित: IPMA
punjabkesari.in Tuesday, Jan 04, 2022 - 06:06 PM (IST)
नई दिल्लीः एक उद्योग निकाय ने मंगलवार को कहा कि कोयले के कम आवंटन और मिलों तक कोयले के परिवहन के लिए पर्याप्त रेलवे रैक की अनुपलब्धता के कारण देश की कागज मिलों का परिचालन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। भारतीय कागज विनिर्माता संघ (आईपीएमए) ने कहा कि पिछले कई महीनों से कोल इंडिया और उसकी अनुषंगियों ने गैर-बिजली क्षेत्रों की कीमत पर प्राथमिकता के आधार पर ताप विद्युत संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति को प्राथमिकता दी है।
संघ ने बयान में कहा, ‘‘बिजली क्षेत्र/ताप विद्युत संयंत्रों को रेलवे रैक के प्राथमिकता के आधार पर आवंटन से समस्याएं और बढ़ गई हैं।'' केंद्रीय कोयला एवं खान तथा रेल मंत्रियों को भेजे गए पत्र में आईपीएमए ने सरकार से अपील की है कि वह लुगदी और कागज उद्योग के खुद के इस्तेमाल (कैप्टिव) के बिजली संयंत्रों को ताप विद्युत संयंत्र या बिजली क्षेत्र के बराबर कोयले और रेलवे रैक दोनों के प्राथमिकता के आधार पर आवंटन के बारे में विचार करे।
आईपीएमए के अध्यक्ष ए एस मेहता ने कहा, ''यदि जून, 2021 से पहले आवंटित/निर्दिष्ट खानों से पेपर मिलों को कोयले की आपूर्ति प्राथमिकता के आधार पर बहाल नहीं की जाती है, तो बड़ी संख्या में कागज मिलों को लंबे समय तक बंद करना पड़ सकता है, जिसके चलते बाजार में लेखन और मुद्रण कागज और पैकेजिंग पेपर की कमी हो सकती है। इसका सभी एफएमसीजी, खाद्य और फार्मा क्षेत्रों पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।''
आईपीएमए के अनुसार, लुगदी और कागज उद्योग में पूंजी और बिजली गहन आवश्यकता होती है, और उसने अपने कामकाज की जरूरतों को पूरा करने के मकसद से बिजली और भाप की निरंतर आपूर्ति के लिए निजी बिजली संयंत्रों की स्थापना में भारी मात्रा में धन का निवेश किया है। आईपीएमए ने यह भी कहा कि टिकाऊ आर्थिक वृद्धि के लिए कागज उद्योग का पुनरुत्थान बेहद जरूरी है क्योंकि पेपरबोर्ड और पैकेजिंग सभी प्रकार के आवश्यक सामान, एफएमसीजी, फार्मास्युटिकल्स, खाद्य उत्पाद, साबुन, दूध के डिब्बे और स्वच्छता उत्पादों के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं।