पाकिस्तान पर भारी पड़ रहा है भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते तोड़ना, अब हुई कॉटन की कमी

punjabkesari.in Tuesday, Nov 12, 2019 - 03:44 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत के साथ कारोबार पर रोक लगाना पाकिस्तान को बहुत महंगा पड़ रहा है। पाकिस्तान की सरकार का यह फैसला वहां के आम लोगों की जेब पर भारी पड़ रहा है। पाकिस्तान को कॉटन के आयात के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है क्योंकि वह भारत से सस्ता कॉटन नहीं खरीद रहा है। पाकिस्तान को दवाइयों और चिकित्सा उपकरणों की भी भारी कमी करना पड़ा है।

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पाकिस्तानी मीडिया की आशंका
पाकिस्तानी मीडिया द न्यूज की एक रिपोर्ट में पिछले महीने इस बात की आशंका जताई गई थी कि कॉटन के उत्पादन में गिरावट के कारण पाकिस्तान को घरेलू खपत की जरूरतों को पूरा करने के लिए विदेशों से महंगा कॉटन आयात करना पड़ सकता है। रिपोर्ट में पाकिस्तान कॉटन जिनर्स असोसिएशन (पीसीजीए) के आंकड़ों का जिक्र करते हुए उत्पादन में 26.54 फीसदी की गिरावट की आशंका जताई गई थी।

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पाकिस्तान में घटा कॉटन का उत्पादन
पाकिस्तान में इस साल कॉटन का उत्पादन कम है, लेकिन भारत में कॉटन का उत्पादन इस साल पिछले साल से ज्यादा है। कॉटन असोसिएशन ऑफ इंडिया के ताजा अनुमान के अनुसार, भारत में इस साल कॉटन का उत्पादन 354 लाख गांठ रह सकता है जबकि पिछले साल देश में कॉटन का उत्पादन 312 लाख गांठ था।

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भारत का कॉटन सस्ता
सीमावर्ती देश होने के कारण पाकिस्तान को भारत से आयात करने के लिए परिवहन लागत (ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट) कम लगती है, जिससे उसके लिए भारत से कॉटन का आयात करना सस्ता होता है। लेकिन इस साल व्यापार बंद होने के कारण भारत से कॉटन नहीं खरीद पा रहा है। भारतीय कॉटन का भाव इस समय करीब 69 सेंट प्रति पौंड है जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कॉटन का भाव 74 सेंट प्रति पौंड है। इस लिहाज से भी पाकिस्तान के लिए भारत से कॉटन का आयात करना सस्ता पड़ सकता है।

पाकिस्तान को 46.2 लाख गांठ कॉटन की कमी
भारतीय कारोबारियों की मानें तो अगर पाकिस्तान दोबारा भारत से व्यापार शुरू करता है तो पिछले साल के मुकाबले इस साल वह भारत से ज्यादा कॉटन खरीद सकता है क्योंकि पाकिस्तान में इस साल कॉटन का उत्पादन कम है। अमेरिकी एजेंसी यूएसडीए की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में इस साल कॉटन का उत्पादन 89.9 लाख गांठ है जो पिछले साल के 97.5 लाख गांठ से करीब आठ फीसदी कम है। यूएसडीए के अनुसार, पाकिस्तान में इस साल कॉटन की खपत 137.2 लाख गांठ रह सकती है और उसे अपनी खपत की पूर्ति के लिए 46.2 लाख गांठ कॉटन का आयात करना पड़ सकता है।

आर्टिकल 370 और पाकिस्तान
कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को भारत द्वारा निष्प्रभावी किए जाने के बाद पाकिस्तान ने आधिकारिक रूप से भारत से व्यापारिक संबंध तोड़ लिया, जिस कारण पाकिस्तानी कारोबारी भारत से सस्ता कॉटन आयात नहीं कर पा रहे हैं।


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jyoti choudhary

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