Covid-19 के तहत सिर्फ 1 मार्च तक के स्टैंडर्ड लोन ही होंगे रिस्ट्रक्चर: RBI

punjabkesari.in Wednesday, Oct 14, 2020 - 02:43 PM (IST)

मुंबईः लोन्स की रिस्ट्रक्चरिंग को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बड़ा बयान दिया है। आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि जो लोन एक मार्च, 2020 तक बिना किसी डिफॉल्ट के मानक बने हुए हैं, वे अगस्त में जारी कोरोना महामारी संबंधी स्कीम ढांचे के तहत रिस्ट्रक्चरिंग के लिए पात्र होंगे। बता दें कि हाल ही में SBI ने एक बयान जारी किया था जिसके तहत एक मार्च 2020 को बैंक के बुक्स में मौजूद अकाउंट्स को ही लोन रिस्ट्रक्चरिंग की सुविधा मिलेगी।

RBI ने कहा कि एक मार्च 2020 तक 30 दिनों से अधिक के लिए लोन अकाउंट था लेकिन बाद में इसे नियमित कर दिया गया था, के तहत संकल्प के लिए अयोग्य नहीं होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि पुनर्गठन ढांचा केवल उन योग्य उधारकर्ताओं के लिए लागू है जिन्हें 1 मार्च, 2020 तक मानक के रूप में वर्गीकृत किया गया था। हालांकि, ऐसे अकाउंट्स को 7 जून, 2019 को विवेकपूर्ण ढांचे के तहत हल किया जा सकता है।

क्या 100 करोड़ रुपए और उससे अधिक के लोन पर किसी एक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी द्वारा स्वतंत्र क्रेडिट मूल्यांकन की आवश्यकता होगी, इस पर केंद्रीय बैंक ने कहा, अगर क्रेडिट रेटिंग एक से अधिक रेटिंग एजेंसी से प्राप्त की जाती है, तो ऐसे सभी क्रेडिट राय RP4 रेटिंग या उससे ऊपर होने चाहिए। स्पष्टीकरण में कहा गया है कि 26 जून को प्रभावी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) की नई परिभाषा, संकल्प के लिए उनकी पात्रता को प्रभावित नहीं करेगी, लेकिन 1 मार्च, 2020 तक मौजूद परिभाषा पर आधारित होगी।

बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा अपने रिटेल लोन्स को रिस्ट्रक्चर करने की सुविधा देने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल खोले जाने की खबर सुनकर कई उधारकर्ताओं को राहत मिल सकती है, जिन्हें कोविड-19 वैश्विक-महामारी के कारण पैसे की समस्या के कारण अपना लोन चुकाने में परेशानी हो रही है। कई अन्य बैंक भी RBI के दिशानिर्देशानुसार अपना-अपना लोन रिस्ट्रक्चरिंग प्लान ला सकते हैं। लेकिन, अच्छी तरह सोचे-समझे बिना होम लोन, एजुकेशन लोन, ऑटोमोबाइल लोन या पर्सनल लोन को रिस्ट्रक्चर करने का ऑप्शन चुनने से नुकसान भी हो सकता है।

आप लोन रिस्ट्रक्चरिंग प्लान के योग्य हैं या नहीं और अगर योग्य हैं तो आप कितने एक्स्ट्रा खर्च पर अपने रीपेमेंट्स को कितने समय तक टाल सकते हैं, इन सबके बारे में पता होने से आपको अपने रिकैलकुलेटेड EMI अमाउंट, लोन रीपेमेंट पीरियड और संभावित इंटरेस्ट इत्यादि से जुड़े फैसले लेने में मदद मिल सकती है। मोरेटोरियम का लाभ लेने के लिए, यह दिखाना जरूरी है कि आपके इनकम पर वैश्विक-महामारी का असर पड़ा है। SBI के अनुसार, वेतनभोगी कर्मचारियों को सैलरी स्लिप या अकाउंट स्टेटमेंट्स दिखाना होगा जिसमें सैलरी कटौती या सस्पेंशन, या लॉकडाउन के दौरान नौकरी छूटने की बात दिखाई देनी चाहिए। स्वरोजगार करने वाले उधारकर्ताओं को लॉकडाउन के दौरान बिजनेस बंद या कम होने से संबंधित डिक्लेयरेशन देना होगा।


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jyoti choudhary

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