HPCL में हिस्सेदारी बेचने के लिए स्वतंत्र है ONGC: प्रधान

punjabkesari.in Monday, Oct 14, 2019 - 06:39 PM (IST)

नई दिल्लीः पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी को तेल रिफाइनरी और विपणन कंपनी एचपीसीएल में अपनी हिस्सेदारी बेचने की पूरी आजादी है। एचपीसीएल के अधिग्रहण से ओएनजीसी को कोई फायदा नहीं पहुंचने संबंधी रिपोर्टों के बीच प्रधान ने यह बात कही है। 

उल्लेखनीय है कि ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने पिछले साल हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (एचपीसीएल) में सरकार की पूरी 51.11 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए 36,915 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। कंपनी में बहुलांश हिस्सेदार होने के बावजूद ओएनजीसी को एचपीएल के निदेशक मंडल में केवल एक सदस्य के लिए जगह मिली और प्रबंधन के मामले में उसका लगभग कोई दखल नहीं है। 

एचपीसीएल ने यहां तक कि करीब डेढ़ साल तक ओएनजीसी को अपना प्रवर्तक नहीं माना और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की खिंचाई के बाद ही उसने बहुलांश हिस्सेदार को प्रवर्तक के तौर पर सूचीबद्ध करना पड़ा। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ने ओएनजीसी को एचपीसीएल में हिस्सेदारी बेचने की अनुमति दी है, प्रधान ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह बाजार का निर्णय है। वे स्वायत्त कंपनियां हैं। वे उपयुक्त समय पर अपना निर्णय करने को स्वतंत्र हैं।''

ओएनजीसी को उम्मीद थी कि तेल रिफाइनरी और विपणन कंपनी को जोड़ने से उसे तेल एवं गैस कंपनी के एकीकरण में मदद मिलेगी। हालांकि, ऐसा कोई तालमेल देखने को नहीं मिला। इस अधिग्रहण के बाद शून्य कर्ज वाली कंपनी ओएनजीसी बिना नकदी के भारी कर्ज वाली कंपनी बन गई। सूत्रों के अनुसार चूंकि सरकार ने एचपीसीएल और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) के राष्ट्रीयकरण से जुड़े प्रावधान को निरस्त कर दिया है, अत: ओएनजीसी हिस्सेदारी बेचने के लिए स्वतंत्र है। ओएनजीसी के निदेशक मंडल में कम से कम एक मौके पर एचपीसीएल की बहुलांश हिस्सेदारी को बनाए रखने पर चर्चा हुई खासतौर से ऐसे समय जब दोनों के बीच में कोई तालमेल नहीं बैठ पा रहा है।


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jyoti choudhary

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