NSDL 4500 करोड़ के IPO के लिए निवेश बैंकों से कर रही वार्ता

punjabkesari.in Wednesday, Jun 22, 2022 - 05:11 PM (IST)

बिजनैस डैस्क: भारत की पहली और सबसे बड़ी डिपॉजिटरी सेवा कंपनी नैशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एन.एस.डी.एल.) ने 4,500 करोड़ रुपए की प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आई.पी.ओ.) के लिए निवेश बैंकों के साथ बातचीत शुरू की है। इस बारे में दो लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर यह जानकारी दी है।

एन.एस.डी.एल. की स्थापना 1996 में डिपॉजिटरी एक्ट के लागू होने के बाद हुई थी। 31 मई तक उसके पास 27.6 मिलियन से अधिक निवेशक खाते थे, जिसकी डी-मैट कस्टडी वैल्यू 297.55 करोड़ रुपए थी। डी-मैट संपत्ति मूल्य के मामले में डिपॉजिटरी की बाजार हिस्सेदारी 89 प्रतिशत से अधिक है। भारत की एकमात्र अन्य डिपॉजिटरी-सैंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (सी.डी.एस.एल.) 2017 में सार्वजनिक हुई। इसने आई.पी.ओ. के जरिए 524 करोड़ रुपए जुटाए जिसे 170 गुना सब्सक्राइब किया गया था। सी.डी.एस.एल. की स्थापना 1999 में हुई थी।

उपरोक्त 2 लोगों में से एक ने अपना नाम न छापने की शर्त पर कहा कि एन.एस.डी.एल. ने अपने नियोजित आई.पी.ओ. पर बातचीत शुरू कर दी है। अधिकांश शीर्ष घरेलू और विदेशी निवेश बैंकों में आई.पी.ओ. के लिए होड़ मची है और अगले कुछ हफ्तों में इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है। आई.पी.ओ. ज्यादातर मौजूदा निवेशकों द्वारा द्वितीयक शेयर बिक्री होने जा रहा है, जबकि आई.पी.ओ. के हिस्से के रूप में कुछ छोटी राशि जुटाई जा सकती है। कई सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक शेयरधारकों और कंपनी के अन्य निवेशकों सहित कंपनी के अधिकांश शेयरधारक आई.पी.ओ. के माध्यम से अपनी हिस्सेदारी को बेचने की संभावना रखते हैं।

IDBI बैंक और NSE बड़े शेयरधारक
एन.एस.डी.एल. के सबसे बड़े शेयरधारक आई.डी.बी.आई. बैंक और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एन.एस.ई.) हैं, जिनके पास क्रमशः 26 और 24 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। अन्य राज्य के स्वामित्व वाले ऋणदाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और केनरा बैंक क्रमशः 5, 2.81 और 2.30 प्रतिशत के मालिक हैं, जबकि केंद्र सरकार, यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (यू.टी.आई.) के निर्दिष्ट उपक्रम के माध्यम से 6.83 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती है। . एन.एस.डी.एल. के अन्य शेयरधारकों में एच.डी.एफ.सी. बैंक, सिटी बैंक, एच.एस.बी.सी., स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, ड्यूश बैंक, कोटक महिंद्रा लाइफ इंश्योरैंस कंपनी लिमिटेड और आई.आई.एफ.एल. स्पैशल अपॉर्चुनिटीज फंड शामिल हैं। नाम न छापने की शर्त पर दूसरे व्यक्ति ने कहा कि आई.पी.ओ. की कीमत कम से कम 4,500 करोड़ रुपए होने की संभावना है, जिसका मूल्यांकन 16,000-17,000 करोड़ रुपए है। इस संबंधी एन.एस.डी.एल. को भेजे गए ई-मेल का कोई जवाब नहीं मिला।


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Content Writer

jyoti choudhary

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