अब बैंकों की तरह NBFC भी PAC फ्रेमवर्क में डाले जाएंगे, RBI ने नियमों में किया संशोधन

punjabkesari.in Wednesday, Dec 15, 2021 - 10:31 AM (IST)

मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर निगरानी बढ़ाने के लिए मंगलवार को बैंकों की तर्ज पर त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) के संशोधित दिशानिर्देश जारी किए। रिजर्व बैंक ने बयान में कहा कि एनबीएफसी के लिए संशोधित पीसीए मानक एक अक्टूबर, 2022 से प्रभावी होंगे। हालांकि, सार्वजनिक स्वामित्व वाली एनबीएफसी को इसके दायरे से बाहर रखा गया है। 

केंद्रीय बैंक ने कहा कि संशोधित पीसीए प्रारूप जमा स्वीकार करने वाली सभी एनबीएफसी, जमा नहीं लेने वाली एनबीएफसी, निवेश एवं साख कंपनियों और सूक्ष्म वित्त संस्थानों पर भी लागू होंगे लेकिन सार्वजनिक कोष स्वीकार नहीं करने वाली एनबीएफसी इसके दायरे से बाहर रहेंगी। आरबीआई इससे पहले बैंकों के लिए पीसीए प्रारूप लागू कर चुका है जिसमें बकाया कर्ज के बोझ तले दबे बैंकों पर सख्त निगरानी लागू की गई है। इसके तहत बैंकों को नए कर्ज जारी करने और भर्तियों से भी रोका जाता है। 

रिजर्व बैंक ने कहा कि एनबीएफसी पर सख्त पीसीए मानक लागू होने की स्थिति में लाभांश वितरण पर रोक लगने के साथ ही गारंटी देने से भी रोक दिया जाएगा। इसके अलावा रणनीति, शासन, प्रमुख पूंजी, ऋण जोखिम में गड़बड़ी पर भी विशेष कदम उठाए जाएंगे। संशोधित पीसीए प्रारूप में आरबीआई प्रवर्तकों को एनबीएफसी का नया प्रबंधन लाने और मौजूदा प्रबंधकों एवं निदेशकों को हटाने का सुझाव भी दे सकता है। 

पीसीए फ्रेमवर्क को इस तरह समझें  
आरबीआई के पीसीए फ्रेमवर्क के तहत कुछ खास मापदंडों के आधार पर बैंकों की वित्तीय सेहत की निगरानी की जाती है। संशोधित ढांचे में निगरानी के लिए कैपिटल, परिसंपत्ति गुणवत्ता और लेवरेज जैसे मापदंड शामिल होंगे। आमतौर पर एक बैंक को उसके सालाना नतीजे और आरबीआई की ओर से की गई सुपरवाइजरी मूल्यांकन के आधार पर पीसीए फ्रेमवर्क में डाला जाता है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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