TDS फॉर्म में हुआ बदलाव, अब बैंकों को 1 करोड़ से अधिक की नकद निकासी पर काटे गए टैक्स की देनी होगी रिपोर्ट

punjabkesari.in Sunday, Jul 05, 2020 - 06:08 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः आयकर विभाग ने टीडीएस फॉर्म को व्यापक बनाने के लिए इसमें कुछ बदलाव किए हैं। इनमें कर की कटौती नहीं करने के कारणों की जानकारी देने को अनिवार्य बनाना भी शामिल है। बैंकों को नए फॉर्म में एक करोड़ रुपए से अधिक की नकदी निकासी पर ‘स्रोत पर की गई कर की कटौती’ (टीडीएस) की जानकारी भी देनी होगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक अधिसूचना के माध्यम से ई-वाणिज्य ऑपरेटरों, म्यूचुअल फंड और कारोबार न्यासों के द्वारा लाभांश वितरण, नकदी निकासी, पेशेवर शुल्क और ब्याज पर टीडीएस लगाने के लिए आयकर नियमों को संशोधित किया है। 

नांगिया एंड कंपनी एलएलपी के पार्टनर शैलेश कुमार ने कहा कि सरकार ने इस अधिसूचना के साथ फॉर्म 26 क्यू और 27 क्यू के प्रारूप को संशोधित किया है। फॉर्म 26 क्यू का उपयोग भारत में सरकार या कंपनियों द्वारा कर्मचारियों (भारतीय नागरिक) को वेतन के अलावा किये गये किसी भी अन्य भुगतान पर टीडीएस कटौती का तिमाही के आधार पर जानकारी देने में होता है। इसी तरह फॉर्म 27 क्यू का उपयोग अनिवासी भारतीयों को वेतन के अलावा किसी अन्य भुगतान पर टीडीएस कटौती और उसे जमा कराए जाने की जानकारी देने में होता है। 

ज्यादा व्यापक है नया फॉर्म 
कुमार ने कहा कि नए फॉर्म अधिक व्यापक हैं और भुगतान करने वालों को न केवल उन मामलों की सूचना देने की आवश्यकता होगी, जिनमें टीडीएस काटा जाता है, बल्कि जिन मामलों में टीडीएस नहीं काटा गया है, अब उनकी भी सूचना देनी होगी। सरकार ने नकदी में लेन-देन को हतोत्साहित करने के लिए 2019-20 के बजट एक वित्तीय वर्ष में एक बैंक खाते से एक करोड़ रुपए से अधिक की नकद निकासी पर दो प्रतिशत का टीडीएस लगाया था। 

नांगिया ने कहा कि नया टीडीएस फॉर्म पहले की तुलना में व्यापक है। इसमें जिस रकम पर टीडीएस कटा है, उसके बारे में जानकारी तो देनी ही होगी। लेकिन, इसके अलावा अब टैक्सपेयर्स को वो रकम भी डिसक्लोज करना अनिवार्य होगा, जिसपर किसी वजह से टीडीएस नहीं कटा है। कम दर पर टीडीएस कटने या टीडीएस बिल्कुल ने कटने की विभिन्न स्थिति के लिए अलग-अलग कोड उपलब्ध कराया गया है। नियम 31A में संशोधन के बाद यह अनिवार्य हो गया है कि करदाता उस रकम के बारे में भी जानकारी दे, जिसका उसने भुगतान किया है लेकिन इस पर टैक्स नहीं कटा है या कम दर पर टैक्स कटा है। 
 


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jyoti choudhary

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