H1-B वीजा संकट: नास्कॉम ने कहा, गलत सूचनाओं पर आधारित है ट्रंप का आदेश

punjabkesari.in Tuesday, Aug 04, 2020 - 06:32 PM (IST)

नई दिल्ली: सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग की संस्था नास्कॉम ने मंगलवार को कहा कि संघीय अनुबंधों के लिए एच-1बी वीजाधारकों को काम पर रखने के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कार्यकारी आदेश गलत धारणाओं और गलत सूचनाओं पर आधारित लगता है। नास्कॉम ने एक बयान में कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद दुनिया भर में लॉकडाउन को खोला जा रहा है और ऐसे में अमेरिका के लिए जरूरी है कि आर्थिक बेहतरी के लिए जरूरी प्रतिभाओं तक उसकी पहुंच हो। बयान में चेतावनी दी गई कि प्रतिभाओं तक पहुंच सीमित करने से अमेरिकी अर्थव्यवस्था, नौकरियों, नवाचार और अनुसंधान तथा विकास जैसे क्षेत्रों में सुधार की रफ्तार धीमी हो जाएगी।

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को संघीय एजेंसियों द्वारा एच-1बी वीजा धारकों को नौकरी देने से रोकने संबंधी सरकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। यह अमेरिका में नौकरी करने के इच्छुक भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पेशेवरों के लिए एक बड़ा झटका है। ट्रंप ने संघीय एजेंसियों को अमेरिकियों को नौकरी देने का निर्देश दिया है। साथ ही राष्ट्रपति ने उनसे विशेष रूप से एच-1बी वीजा वाले विदेशी पेशेवरों के साथ अनुबंध या उप-अनुबंध करने से बचने को कहा है।

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इससे पहले ट्रंप प्रशासन ने 23 जून को इस महत्वपूर्ण चुनावी वर्ष में अमेरिकी कर्मचारियों के संरक्षण के लिए एच-1बी वीजा और अन्य प्रकार के विदेशी कार्य वीजा को 2020 के अंत तक स्थगित कर दिया था। एच-1बी वीजा भारतीय आईटी पेशेवरों में काफी लोकप्रिय है। यह एक गैर-आव्रजक वीजा है। इसके जरिये अमेरिकी कंपनियां तकनीकी या अन्य विशेषज्ञता वाले पदों पर विदेशी कर्मचारियों की नियुक्ति कर सकती हैं। अमेरिका की प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियां हर साल इस वीजा के आधार पर चीन और भारत से हजारों पेशेवरों की नियुक्त करती हैं।

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नास्कॉम ने कहा राष्ट्रपति ट्रंप का कार्यकारी आदेश ‘एलाइंग फेडरल कॉन्ट्रैक्टिंग एंड हायरिंग प्रैक्टिसेज विद द इंट्रेस्ट ऑफ द अमेरिकन वर्कर्स’ गलत धारणाओं और गलत सूचनाओं के आधार पर जारी किया गया है।  लनास्कॉम ने कहा कि यह आदेश ऐसे समय में आया है जबकि अमेरिका में एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) के कुशल जानकारों की भारी कमी है, और जिसकी भरपाई करने का काम एच-1बी और एल-1 जैसे अल्पकालिक गैर-प्रवासी वीजाधारक करते हैं। उद्योग संगठन ने कहा कि कंप्यूटर व्यवसायों (एच-1बी वीजाधारकों में सर्वाधिक प्रचलित) के लिए बेरोजगारी दर जनवरी 2020 में तीन प्रतिशत से घटकर मई 2020 में 2.5 प्रतिशत हो गई, जबकि अन्य सभी व्यवसायों की बेरोजगारी दर जनवरी 2020 के 4.1 प्रतिशत से बढ़कर मई 2020 में 13.5 प्रतिशत हो गई।

 


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Author

rajesh kumar

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