मुकेश अंबानी ने की स्वच्छ ऊर्जा की वकालत, कहा सस्ती ऊर्जा प्रदान करने की आवश्यकता

punjabkesari.in Saturday, Jun 27, 2020 - 05:27 PM (IST)

नई दिल्लीः रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन एवं भारत के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी ने स्वच्छ व किफायती ऊर्जा की वकालत करते हुए कहा कि बेहतर कार्बन संतुलन के लिए बेहतर प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल जरूरी है। वह वीडियो लिंक के माध्यम से एफआईआई निवेश संस्थान की संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। 

अंबानी ने कहा कि अभी दक्ष, स्वच्छ व किफायती ऊर्जा उपलब्ध कराने की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'जिस तरह से मैं देख रहा हूं कि औद्योगिक क्रांतियों के बीच मानव जाति ने जो प्रगति की है, उसमें हमने कार्बन चक्र को असंतुलित कर दिया है। अब कार्बन के बिगड़े संतुलन को ठीक करने तथा सही कार्बन चक्र को अपनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का समय आ गया है।'  

उन प्रौद्योगिकियों की आवश्यकता पर दिया बल
उन्होंने उन प्रौद्योगिकियों की आवश्यकता पर बल दिया, जो कार्बन डाइऑक्साइड को पुन: चक्रित कर सकती हैं। अंबानी का यह बयान इस लिहाज से काफी महत्वपूर्ण हो जाता है कि उनकी कंपनी गुजरात के जामनगर में दुनिया के सबसे बड़े तेल परिशोधन संयंत्र परिसर का संचालन करती है। 

कार्बन डाइऑक्साइड से बना सकते हैं कच्चा माल
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि, हम जहां हैं, अगर हम कागज की एक साफ शीट लेते हैं और ऐसी प्रौद्योगिकियों को अपनाते हैं, जिनसे हम ऊर्जा चक्र को पूरा कर सकें। हम नयी प्रौद्योगिकियों, विशेष रूप से जैव रासायनिक प्रकाश संश्लेषण को अमल में ला सकते हैं। कार्बन डाइऑक्साइड को एक बोझ के रूप में मानने के बजाय, हम इसे कच्चा माल बना सकते हैं।' 

उन्होंने कहा, 'हमारे लिए यह अनिवार्य नहीं है कि शून्य कार्बन उत्सर्जन पर अमल करें, बल्कि मुझे लगता है कि हमें कार्बन के पुन: चक्रीकरण को अपनाना चाहिए। जो लोग ऊर्जा के कारोबार में हैं, उनके लिए डीकार्बोनाइजेशन (कार्बन उत्सर्जन बंद करना) बड़ा मुद्दा नहीं है, बल्कि शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिए सही चक्र को पूरा करना है।' 

कुशल, स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा प्रदान करने की आवश्यकता
अंबानी ने कहा, 'इस पृथ्वी पर सभी आठ अरब लोगों के लिए ऊर्जा एक आवश्यक है। ऐसे में कुशल, स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा प्रदान करने की आवश्यकता है। हमें ऐसा एक जिम्मेदार तरीके से करना होगा। यह व्यवसाय है। हमें इसे लेकर स्वच्छ और अस्वच्छ के बारे में सोचकर भ्रमित नहीं होना चाहिए।' 


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jyoti choudhary

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