मुंबई-दिल्ली से पकड़ते हो एयर इंडिया की फ्लाइट, तो पढ़ें यह खबर

punjabkesari.in Sunday, Mar 19, 2017 - 02:53 PM (IST)

नई दिल्लीः सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया की जिन उड़ानों में देरी होती है उनमें आधी से ज्यादा के पीछे उचित प्रबंधन का अभाव एक बड़ा कारण है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की हालिया रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इसमें दिल्ली तथा मुंबई से जाने वाली उड़ानों के अध्ययन के आधार पर कहा गया है कि वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान दिल्ली से देर से जाने वाली उड़ानों में 23 प्रतिशत की वजह पूरी तरह से तथा 30 प्रतिशत की वजह आंशिक रूप से एयरलाइंस के नियंत्रण में थी यानी देरी से बचा जा सकता था। इसी प्रकार मुंबई हवाईअड्डे पर इनका प्रतिशत क्रमश: 26 और 20 था।  

वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डों से देर से भरी गई उड़ानों में क्रमश: 57 और 46 प्रतिशत पूर्ण या आंशिक रूप से नियंत्रित की जा सकती थीं। यदि कोई विमान तय समय से 15 से ज्यादा की देरी से उड़ान भरता है तो उसकी एंट्री देरी से उड़ान भरने वाली सूची में होती है। 

ओटीपी के मामले में एयर इंडिया का प्रदर्शन खराब 
उल्लेखनीय है कि ‘ऑन टाइम परफॉर्मेंस’ (ओटीपी) के मामले में एयर इंडिया का प्रदर्शन लंबे समय से खराब रहा है। नागर विमानन महानिदेशालय के हर महीने जारी होने वाले दिल्ली, मुंबई, बैंगलूर तथा हैदराबाद हवाईअड्डों के आंकड़ों में वह अक्सर सबसे नीचे या नीचे से दूसरे स्थान पर रहती है। पिछले 3 महीने में 2 बार वह सबसे नीचे रही है जबकि इस साल जनवरी में खराब प्रदर्शन के मामले में वह दूसरे स्थान पर रही थी। इस बाबत पूछे जाने पर नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा, 'जहां तक एयर इंडिया के ओटीपी का सवाल है हम उन आंकड़ों पर काफी करीबी नजर रखते हैं। हम इसकी रोजाना निगरानी करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एयर इंडिया ग्राहक का संतुष्टि स्तर यथासंभव अच्छे से अच्छा रहे।'


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