दूरसंचार बकाए के भुगतान के लिए मोहलत से क्षेत्र में बदलाव के लिए पर्याप्त समय मिलेगा: डेलॉयट

punjabkesari.in Sunday, Sep 19, 2021 - 04:52 PM (IST)

नई दिल्लीः डेलॉयट इंडिया के एक वरिष्ठ विश्लेषक ने कहा कि दूरसंचार राहत पैकेज के तहत नियामकीय बकाया राशि के भुगतान के लिए दी गई चार साल की मोहलत से कंपनियों को बदलाव और चीजें ठीक करने का समय मिलेगा और साथ ही इससे कीमतों को लेकर जारी ‘युद्व’ शांत हो सकता है।

डेलॉयट इंडिया के भागीदार और दूरसंचार क्षेत्र के लीडर पीयूष वैश्य ने कहा कि सुधार से वैश्विक समुदाय को एक मजबूत संदेश गया है और दूरसंचार क्षेत्र में निवेशकों एवं ऋणदाताओं का विश्वास बढ़ने की उम्मीद है।

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में संकटग्रस्त दूरसंचार क्षेत्र के लिए बड़े सुधार पैकेज को मंजूरी दी थी। इस पैकेज में सांविधिक बकाए के भुगतान से चार साल की मोहलत, दुलर्भ रेडियो तरंगों को साझा करने की मंजूरी, सकल समायोजित राजस्व (एजीआर) की परिभाषा में बदलाव तथा स्वत: मंजूरी मार्ग से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मंजूरी शामिल हैं। एजीआर के आधार पर ही कंपनियों को शुल्क का भुगतान करना होता है।

इन राहत उपायों का मकसद वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियों को राहत प्रदान करना है। कंपनी को पिछले सांविधिक बकाया मद में हजारों करोड़ रुपए देने हैं। इन उपायों में भविष्य में स्पेक्ट्रम नीलामी में अधिग्रहण किए जाने वाले स्पेक्ट्रम के मामले में स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) को खत्म करना भी शामिल है।

वैश्य ने कहा, "मूल्य निर्धारण से जुड़े उद्योग के मुद्दों को सुलझाने के लिए चार साल की समयसीमा काफी अच्छी है।" उन्होंने कहा कि दूरसंचार सेवाप्रदाताओं के पास खुद को बदलने के लिए चार साल हैं, जो महत्वपूर्ण है और ये कंपनियां खुद को बदलने के लिहाज से काफी सक्षम हैं। उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि सभी सेवाप्रदाता अगले चार वर्षों में अपनी लागत और मुनाफे से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने में सक्षम होंगे।" 

उन्होंने कहा, "कुल चार साल की मोहलत का मतलब है, 5जी के आने के बाद करीब तीन साल का समय मिलेगा और किसी भी संगठन के लिए खुद को बदलने, अपना पुनर्गठन करने और मौजूदा चुनौतियों से बाहर आने के लिए यह पर्याप्त समय है।" 


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Content Writer

jyoti choudhary

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