रघुराम राजन बोले- मजदूरों को गुजारे के लिए जरूरी है पैसा, सिर्फ अनाज से नहीं चलता काम
punjabkesari.in Friday, May 22, 2020 - 04:36 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ के पैकेज को रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने अपर्याप्त बताया है। उन्होंने कहा कि पैकेज प्रवासी मजदूरों को खाद्यान्न देना पर्याप्त नहीं है। उन्हें इसके साथ ही सब्जी और तेल की जरूरत भी पड़ेगी और उन्हें किराया भी देना है, लिहाजा, उन्हें पैसे मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया अब तक के सबसे बड़े आर्थिक आपातकाल का सामना कर रही है और इससे निपटने के लिए कोई भी संसाधन नाकाफी हैं।
अर्थव्यवस्था को ट्रैक पर लाने के लिए करने होंगे कई और प्रयास
राजन ने कहा कि कोरोना का संकट भारत जैसे देश पर ज्यादा देखने को मिल रहा है। इसकी वजह यह है कि भारत बीते कई सालों से ही मंदी के दौर से गुजर रहा है और बजटीय घाटे में इजाफा हुआ है। अर्थव्यवस्था को ट्रैक लाने के लिए हमें कई और प्रयास किए जाने की जरूरत है। हमें इस सब को रोकना होगा। द वायर वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में राजन ने कहा कि पैकेज में कुछ अच्छी चीजें हैं लेकिन और ज्यादा प्रयास किए जाने की जरूरत है।
MSME और बैंक में सुधार करना चाहिए
आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा कि कोरोना वायरस के संकट से प्रभावित लोगों और कंपनियों को राहत देने के रास्ते तलाशे जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि इस पैकेज से अर्थव्यवस्था को उबरने में जरूरी मदद मिलती नहीं दिख रही। इसके अलावा लॉकडाउन से प्रभावित गरीब तबके के लोगों को भी इससे मदद नहीं मिल सकी है। राजन ने कहा कि हमें उन जगहों पर अर्थव्यवस्था में सुधार करना चाहिए, जहां जरूरी है। इसमें एमएसएमई और बैंक भी शामिल हैं।
बता दें कि कोरोना के संकट से प्रभावित गरीबों की मदद के लिए सरकार ने प्रति व्यक्ति 5 किलो मुफ्त राशन देने और महिलाओं के जन धन खातों में तीन महीने तक 500 रुपए डालने का फैसला लिया है। रघुराम राजन ने कहा कि पलायन करने वाले गरीब मजदूरों को सरकार ने राशन देने का फैसला लिया है, लेकिन यह काफी नहीं है। गरीब तबके के लोगों को सब्जी, दूध और तेल खरीदने के लिए पैसे चाहिए। किराया अदा करने के लिए भी कैश की जरूरत है।