RBI की दरों में कोई बदलाव नहीं, रेपो रेट 5.15% पर बरकरार

punjabkesari.in Thursday, Dec 05, 2019 - 12:03 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति (एम.पी.सी.) की तीन दिवसीय बैठक ने आज रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट को 5.15 फीसदी पर जबकि रिवर्स रेपो रेट को 4.90 फीसदी पर बरकरार रखा गया है। बैंक के इस कदम से सस्‍ते कर्ज का इंतजार लंबा हो गया है।

बैठक की प्रमुख बातें

  • रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में विकास अनुमान घटाकर 5.0 फीसदी किया।
  • रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में खुदरा महंगाई अनुमान बढ़ाया।
  • रिजर्व बैंक ने आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए नीतिगत रुख को उदार बनाए रखा है। 
  • चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए खुदरा मुद्रास्फीति अनुमान बढ़ाकर 5.1- 4.7 फीसदी। 
  • मार्जिनल स्टैंडिंग फैसेलिटी दर (एमएसएफआर) 5.40 फीसदी पर बरकरार।
  • बैंक दर भी 5.40 फीसदी पर अपरिवर्तित रखी गई है।
  • नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को 4.0 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा।
  • वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) को 18.50 फीसदी पर यथावत रखा गया।

PunjabKesari
GDP का घटाया अनुमान
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 6.1 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। इसकी प्रमुख वजह घरेलू और बाहरी मांग का कमजोर होना बताया गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर 4.5 फीसदी रही है। यह पिछले छह वर्ष का सबसे निचला स्तर है। इसकी प्रमुख वजह कृषि और विनिर्माण क्षेत्र का प्रदर्शन खराब रहना रहा है। इससे अर्थव्यवस्था को झटका लगा है।

फरवरी 2020 को होगी अगली बैठक 
मौद्रिक नीति समिति के सभी 6 सदस्य ब्याज दरों में कटौती न करने के पक्ष में थे। एमपीसी ने पॉलिसी का रुख अकोमेडेटिव बरकरार रखा है। यानी आगे ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद बनी हुई है। मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक फरवरी 2020 को होगी। रिजर्व बैंक लगातार पांच बार रेपो दर में 1.35 फीसदी की कटौती कर चुका था और इस बार इस छठी बैठक में ब्याज दरों में कम से कम एक चौथाई फीसदी की कमी किए जाने की उम्मीद की जा रही थी क्योंकि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर छह वर्ष के निचले स्तर 4.5 फीसदी पर आ गई है। मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया।
PunjabKesari
क्या होती है रेपो और रिवर्स रेपो रेट
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को आर.बी.आई. कर्ज देता है। बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को लोन मुहैया कराते हैं। रेपो रेट कम होने का अर्थ है कि बैंक से मिलने वाले तमाम तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे। यह वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आर.बी.आई. में जमा धन पर ब्याज मिलता है। रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है।
PunjabKesari


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Supreet Kaur

Recommended News

Related News