जनवरी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की रफ्तार बढ़ी, 8 साल में सबसे ज्यादा

punjabkesari.in Monday, Feb 03, 2020 - 02:11 PM (IST)

नई दिल्लीः नए साल के पहले महीने में देश की आर्थिक सुस्ती दूर होने के संकेत मिले है। नए ऑर्डर्स मिलने के चलते भारत में मैन्‍युफैक्‍चरिंग एक्टिविटी जनवरी में आठ साल में सबसे तेज गति से आगे बढ़ी है। प्राइवेट एजेंसी की ओर से जारी आंकड़ों में बताया गया है कि निक्केई मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स IHS मार्केट दिसंबर 52.7 के मुकाबले जनवरी में बढ़कर 55.3 पर पहुंच गया है। ये फरवरी 2012 के बाद का सबसे उच्चतम स्तर है। रिपोर्ट में कहा गया हैं कि बाजार मांग में सुधार का असर दिखना शुरू हो गया है। 

सोमवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण के अनुसार जनवरी में देश की मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां आठ साल में सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गई है। इससे उत्पादन और रोजगार गतिविधियों में भी बेहतरी दिख रही है। 

PunjabKesari

आंकड़ों पर एक नज़र
कंपनियों के खरीद प्रबंधकों (परचेजिंग मैनेजर) के बीच किए बीच किए जाने वाले मासिक सर्वेक्षण आईएचएस मार्किट मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई इंडेक्स (मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई) जनवरी में 55.3 अंक रहा है। यह 2012 से 2020 की अवधि में इसका सबसे ऊंचा स्तर है। इससे पहले दिसंबर में यह 52.7 अंक था जबकि साल भर पहले जनवरी 2019 में यह आंकड़ा 53.9 अंक था।

PunjabKesari

यह लगातार 30वां महीना है जब मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 50 अंक से ऊपर रहा है। पीएमआई का 50 अंक से ऊपर रहना गतिविधियों में विस्तार जबकि 50 अंक से नीचे रहना संकुचन के रुख को दर्शाता है।

इससे अब क्या होगा
एसकोर्ट सिक्योरिटी के रिसर्च हेड आसिफ इकबाल का कहना है कि, पीएमआई आंकड़ों में आया सुधार, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत हैं। हालांकि, इसकी उम्मीद पहले से लगाई जा रही थी, क्योंकि दिसंबर में भी मैन्‍युफैक्‍चरिंग एक्टिविटी बढ़ती हुई नजर आई। आईएचएस मार्किट में प्रधान अर्थशास्त्री पॉलियाना डि लिमा ने कहा, जनवरी में देश में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है। परिचालनात्मक परिस्थियों में जिस गति से सुधार देखा गया है, ऐसा पिछले आठ साल की अवधि में नहीं देखा गया।

PunjabKesari

बाजार को रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति जारी होने का भी इंतजार है। इसमें बाजार मांग को और बढ़ाने और आर्थिक वृद्धि को सहारा देने के उपाय किए जा सकते हैं। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 4-6 फरवरी 2020 को होना तय है।
 
क्या होता हैं पीएमआई
अगर आसान शब्दों में कहें तो पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्‍स (PMI), मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर की आर्थिक सेहत को मापने का एक इंडिकेटर है। इसके जरिए किसी देश की आर्थिक स्थिति का आंकलन लगाया जाता है। मैन्युफैक्चरिंग के अलावा, सर्विस सेक्टर के लिए पीएमआई आंकड़े जारी होते हैं. दुनिया के सभी देशों की तुलना एक जैसे मापदंड से होती है।

पीएमआई आंकड़ों में 50 को आधार माना गया है। साथ ही इसको जादुई आंकड़ा भी माना जाता है। 50 से ऊपर के पीएमआई आंकड़े को कारोबारी गतिविधियों के विस्तार के तौर पर देखा जाता है। जबकि 50 से नीचे के आंकड़े को कारोबारी गतिविधियों में गिरावट के तौर पर देखा जाता है। यानी 50 से ऊपर या नीचे पीएमआई आंकड़ों में जितना अंतर होगा, कारोबारी गतिविधि में क्रमश: उतनी ही वृद्धि और कमी मानी जाएगी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

jyoti choudhary

Recommended News

Related News