अप्रैल में मोबाइल फोन ग्राहकों की संख्या 0.71 प्रतिशत घटी, बाजार हिस्सेदारी में Jio पहले स्थान पर

punjabkesari.in Sunday, Jul 26, 2020 - 11:33 AM (IST)

नई दिल्ली: देश में कुल फोन ग्राहकों की संख्या एक माह की अवधि में 0.72 प्रतिशत घट गई है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2020 के अंत तक कुल फोन ग्राहकों की संख्या घटकर 116.94 करोड़ रह गई, जबकि मार्च अंत तक यह आंकड़ा 117.79 करोड़ पर था। शहरी क्षेत्रों में फोन कनेक्शनों की संख्या 1.41 प्रतिशत घटकर 64.71 करोड़ पर आ गई। वहीं ग्रामीण इलाकों में फोन ग्राहकों की संख्या एक माह की अवधि में 0.14 प्रतिशत बढ़कर 52.15 करोड़ से 52.22 करोड़ पर पहुंच गई।

मार्च 2020 के मुकाबले अप्रैल 2020 में यदि मोबाइल फोन की बात की जाये तो इस एक माह की अवधि में देश में मोबाइल फोन कनेक्शनों की संख्या 0.71 प्रतिशत घटकर 114.95 करोड़ रह गई। वहीं मार्च अंत में मोबाइल ग्राहकों की संख्या 115.77 करोड़ पर थी। शहरी इलाकों में मोबाइल ग्राहकों की संख्या 1.42 प्रतिशत घटकर 63.84 करोड़ से घटकर 62.94 करोड़ रह गई। वहीं ग्रामीण इलाकों में मोबाइल कनेक्शनों की संख्या 0.16 प्रतिशत बढ़कर 51.92 करोड़ से 52 करोड़ से कुछ अधिक रही।

फोन घनत्व की बात की जाए, तो अप्रैल में कुल फोन घनत्व घटकर 86.66 प्रतिशत पर आ गया। वहीं 20 मार्च को यह 87.37 प्रतिशत था। इस दौरान शहरी क्षेत्र में फोन घनत्व 142.31 से घटकर 140.06 रह गया। ग्रामीण इलाकों में कुल फोन घनत्व 58.79 से बढ़कर 58.85 हो गया। मोबाइल फोन के मामले में शहरी क्षेत्र में फोन घनत्व 85.87 से घटकर 85.18 प्रतिशत रह गया। शहरी क्षेत्रों में यह 138.41 से घटकर 136.22 प्रतिशत रह गया। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में वायरलेस फोन घनत्व 58.54 से बढ़कर 58.61 प्रतिशत पर पहुंच गया।

ट्राई के आंकड़ों के अनुसार, 30 अप्रैल, 2020 तक मोबाइल या वायरलेस फोन बाजार में रिलायंस जियो 33.85 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ सबसे आगे थी। भारती एयरटेल 28.06 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी के साथ दूसरे और आइडिया-वोडा 27.37 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर रही। सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल की कुल बाजार हिस्सेदारी मात्र 10.72 प्रतिशत थी। इसमें बीएसएनएल का हिस्सा 10.43 प्रतिशत तथा एमटीएनएल का एक प्रतिशत से भी कम यानी 0.29 प्रतिशत था।

 


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Author

rajesh kumar

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