Happy B'Day Ratan Tata: जानिए टाटा से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें

punjabkesari.in Monday, Dec 28, 2020 - 02:31 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः 28 दिसंबर, 1937 में गुजरात के सूरत (Surat) में जन्में देश के सबसे सफल उद्योगपतियों में शामिल रतन टाटा 83 साल के हो चुके हैं। टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने पूरी जिंदगी किसी से शादी नहीं है लेकिन ऐसा नहीं है कि रतन टाटा ने कभी किसी से प्यार ही नहीं किया था। एक इंटरव्यू में उन्होंने खुद अपनी लव लाइफ का जिक्र किया था। उनकी जिंदगी में प्यार ने एक नहीं बल्कि चार बार दस्तक दी थी लेकिन मुश्किल दौर के आगे उनके रिश्ते की डोर कमजोर पड़ गई। इसके बाद फिर कभी रतन टाटा ने शादी के बारे में नहीं सोचा।

टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन ने अपनी एक अलग पहचान बनाई और बेहतर मुकाम भी हासिल किया। उन्होंने टाटा ग्रुप को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का काम किया। बिजनेस की दुनिया में तो रतन टाटा ने खूब नाम कमाया लेकिन प्यार के मामले में वह असफल ही साबित हुए। एक टीवी चैनल से इंटरव्यू में अविवाहित उद्योगपति रतन टाटा ने अपनी लव लाइफ के बारे में भी खुलासा किया था। उन्होंने कहा कि उन्हें भी प्यार हुआ था लेकिन वह अपनी मोहब्बत को शादी के अंजाम तक नहीं पहुंचा सके। 

जानिए रतन टाटा के बर्थडे पर उनसे जुड़ी कुछ अहम बातें।  

  • टाटा गुजरात के पूंजीपति परिवार से थे लेकिन इसके बावजूद उनका बचपन अच्छा नहीं बीता और इसकी वजह थी उनके माता-पिता का साथ न रहना। टाटा बहुत छोटे थे जब उनके मां-पिता अनबन के चलते अलग रहने लगे।
  • टाटा का पालन-पोषण उनकी दादी ने किया और उसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह मुंबई चले गए।
  • टाटा, टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के दत्तक पोते नवल टाटा के बेटे हैं।
  • मुंबई में पढ़ाई पूरी करने के बाद टाटा ने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर बीएस और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम किया।
  • रतन टाटा, टाटा ग्रुप के 5वें अध्यक्ष बनें। बता दें कि अब तक टाटा ग्रुप में महज 6 अध्यक्ष ही बने हैं और इसमें 2 अध्यक्ष टाटा परिवार से नहीं है।
  • टाटा कंपनी तब कंट्रोवर्सी में आई जब उन्होंने अपने 6वें अध्यक्ष सायरस मिस्त्री को कंपनी से बर्खास्त कर दिया क्योंकि खबरों की मानें तो उन्हें करीब 30 साल के लिए अध्यक्ष बनाया गया था लेकिन उन्हें महज कुछ वर्षों में ही निकाल दिया गया था लेकिन इसकी वजह यह बताई गई कि साइरस मिस्त्री सिर्फ फायदे वाले बिजनेस पर ध्यान दे रहे थे और नॉन-प्रॉफिट बिजनेस बेचने लगे थे।
  • टाटा ग्रुप सबसे भरोसेमंद कंपनी में से एक मानी जाती है जो अपने कर्मचारियों की हर सुविधा का ध्यान रखती है।
  • सायरस मिस्त्री के बाद एकबार फिर अंतरिम चेयरमैन के तौर पर रतन टाटा ही कंपनी को संभाल रहे हैं।
  • टाटा ग्रुप की 85 देशों में 100 से ज्यादा कंपनियां हैं। ग्रुप का 70 फीसदी बिजनेस विदेश से आता है। टाटा कंपनी का सफर काफी लंबा है। टाटा ग्रुप को 152 साल हो चुके हैं।
  • देश में पहली बार नमक बनाने का काम 1927 में गुजरात के ओखा में शुरू किया गया था जिसे जेआरडी टाटा ने 1938 में खरीद लिया और इसी के साथ टाटा नमक की शुरुआत हुई। 
  • टाटा नमक ने ही पहली बार देश 1984 में आयोडीन युक्त नमक लाया। 1917 में टाटा ने टाटा ऑयल मिल्स की स्थापना की, जिसके साथ ही ग्रुप ने घरेलू वस्तुओं के क्षेत्र में कदम रखा।
  • 1932 में टाटा एयरलाइंस की शुरुआत हुई। झारखंड के जमशेदपुर में टाटा ने अपना प्लांट बनवाया। वहां के लोगों और पूरे शहर की काया कंपनी के खुलते ही बदल गई जिसके बाद शहर का नाम भी लोग  'टाटा' कह कर पुकारने लगे। आज जमशेदपुर को लोग टाटा के नाम से भी जानते हैं।
  • साल 2008 में टाटा ने दुनिया की सबसे सस्ती कार नैनो पेश की। दरअसल टाटा ने यह सपना 1997 में ही देखा था जिससे महज 1 लाख रुपए में एक आम आदमी भी अपने कार का सपना पूरा कर सकें।
  • टाटा को देश की पहली कंपनी भी कही जाती है जिसने पहली बार अपने कर्मचारियों के लिए आठ घंटे की शिफ्ट तय की। रतन टाटा को उनके व्यवसायी में दिए गए योगदान के लिए पद्म भूषण, पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है।
  • टाटा ने कई अस्पताल भी खुलवाए हैं जहां फ्री और सस्ते में लोगों का इलाज किया जाता है। टाटा मेमोरियल सेंटर कैंसर पर रिसर्च और उसके इलाज का एक संपूर्ण केंद्र है। यहां इलाज के लिए आने वाले 60 फीसदी रोगियों का निःशुल्क उपचार किया जाता है।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

jyoti choudhary

Recommended News

Related News