जे के इन्फ्रा ने वित्तीय ब्योरे में गलत तथ्य दिए, इसका कोई आधार नहीं: सेबी
punjabkesari.in Tuesday, Oct 08, 2019 - 09:54 AM (IST)
नई दिल्लीः भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने विस्तृत जांच के बाद कहा है कि जे कुमार इन्फ्राप्रोजेक्ट्स के खिलाफ ऐसा कोई तार्किक आधार नहीं मिला है जिसके कारण यह कहा जाए कि उसने अपने वित्तीय ब्योरे में कोई हेराफेरी की थी।
गौरतलब है कि इस कंपनी को ऐसी 331 कंपनियों में की सूची में रखा गया था जिन पर मुखौटा इकाई के रूप में काम करने का संदेह था। इसके साथ ही नियामक ने कंपनी के खिलाफ पिछले साल सितंबर में दिए गए अपने अंतरिम आदेश को वापस ले लिया है। उस समय सेबी ने शेयर बाजारों को जे कुमार के खिलाफ तथ्यों की गलत जानकारी देने के लिए स्वतंत्र आडिटर की नियुक्ति का आदेश दिया था। इसमें कंपनी की वित्तीय और कारोबारी गतिविधियां भी शामिल थीं। इसके अलावा सेबी ने एक्सचेंजों को कंपनी प्रबंधन के महत्वपूर्ण लोगों, निदेशकों और प्रवर्तकों की भूमिका की भी जांच को कहा था। अंतरिम आदेश में सेबी ने कहा था कि उसे पीएसीएल लि. के संदर्भ में जे कुमार द्वारा जमा कराए गए दस्तावेजों की विश्वसनीयता पर संदेह है।
निवेशकों से कृषि और रियल एस्टेट कारोबार के नाम पर धन जुटाने वाली पीएसीएल पहले ही सेबी की जांच के घेरे में है। सेबी ने इस मामले में ताजा आदेश विस्तृत जांच के बाद दिया है। इसके अलावा जे कुमार इन्फ्रा ने सेबी से जांच की प्रक्रिया को पूरा करने और पिछले साल सितंबर में जारी अंतरिम आदेश को वापस लेने का आग्रह किया था। सेबी की पूर्णकालिक सदस्य माधबी पुरी ने 72 पृष्ठ के आदेश में कहा कि विभिन्न परिस्थितियों की जांच और कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के आधार पर इस बात को मानने का कोई उचित आधार नहीं है कि कंपनी ने वित्तीय ब्योरे में गलत तथ्य दिए थे।
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