Jet Airways के कर्मचारियों के बकाए वेतन का उलझा पेंच, लाखों की जगह 23 हजार देने का प्लान

punjabkesari.in Sunday, Jul 11, 2021 - 12:27 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः दिवालिया कंपनी जेट एयरवेज पर अपने हर कर्मचारी का 3 से 85 लाख रुपए तक का बकाया है। समाधान प्रक्रिया के तहत एयरवेज को कलरॉक-जालान द्वारा खरीदे जाने के बाद कर्मचारियों को उम्मीद थी कि अब जल्द ही उनके अच्छे दिन आएंगे। मगर अभी भी वेतन का पेंच फंसा हुआ है। पुनरुद्धार योजना के तहत नए मालिकों ने जेट के प्रत्येक कर्मचारी को लगभग 23,000 रुपए के भुगतान का प्रस्ताव रखा है। लाखों की जगह हजारों रुपए के भुगतान के इस प्लान पर अखिल भारतीय जेट एयरवेज अधिकारी और कर्मचारी संघ ने नाराजगी जताई है।

संघ के अध्यक्ष किरण पावस्कर का कहना है, "जेट ने कर्मचारियों से एनसीएलटी द्वारा स्वीकृत योजना के लिए हां या ना में वोट डालने के लिए कहा है लेकिन योजना के तहत मुश्किल से प्रत्येक कर्मचारी को कुल बकाया राशि का भुगतान किया जा रहा है। ये कुल बकाए का लगभग 0.5% प्रदान करती है, जो शून्य जितना अच्छा है। इससे कर्मचारियों को खास लाभ नहीं मिलेगा।"

उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि अगर समस्या का समाधान नहीं होता है, तो वे इसे अदालत में चुनौती देंगे। इस सिलसिले में एसोसिएशन ने हाल ही में नए नागरिक उड्डयन मंत्री, श्रम मंत्री और क्षेत्रीय श्रम आयुक्त को एक पत्र भी भेजा है। इसमें लिखा गया, "समाधान योजना के रूप में एक बहुत ही मामूली राशि का प्रस्ताव किया गया है। कंपनी के 26 वर्षों के ​इस कार्यकाल में कई ने अपने जीवन के लंबे समय तक काम किया है। मगर उन्हें उनका हक नहीं मिला है।"

कर्मचारियों का लाखों का वेतन बकाया
जेट एयरवेज पर उसके लेनदारों का 15,400 करोड़ रुपए का निर्विवाद रूप से बकाया है, जिसमें से 1,254 करोड़ रुपए उसके कर्मचारियों का कर्मचारियों पर बकाया वेतन भी शामिल है। ​न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक जेट के एक कर्मचारी का दावा है कि कंपनी पर प्रत्येक कमांडर का लगभग 85 रुपए और सबसे कम वेतन पाने वाले कर्मचारी को लगभग 3 लाख रुपए तक बकाया है। ऐसे में समाधान योजना के तहत कर्मचारियों को काफी नुकसान हो रहा है।

कलरॉक-जालान हैं अब जेट के नए मालिक
जेट एयरवेज भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी निजी एयरलाइन मानी जाती थी। धन की भारी कमी के बाद से साल 2019 में इसे बंद कर दिया गया था। उस समय, SBI के नेतृत्व वाले संघ ने दिवालियापन संहिता के तहत समाधान के लिए NCLT के पास भेजा गया था। इस दौरान एयरवेज के स्लॉट अन्य एयरलाइनों को आवंटित किए गए थे। जेट एयरवेज को कलरॉक-जालान ने साल 2020 में खरीदा था। समाधान योजना के अनुसार, कलरॉक-जालान कंसोर्टियम ने 5 वर्षों के भीतर इसका विस्तार करने का प्लान बनाया है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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