Income Tax के नियम में हुआ बदलाव, इतनी राशि के बिजली के बिल पर भरना होगा ITR

punjabkesari.in Monday, Jun 01, 2020 - 10:20 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 2019-20 का आयकर रिटर्न भरने के लिए नए फॉर्म जारी कर दिए हैं। इसमें चालू खाते में 1 करोड़ से ज्यादा जमा होने या विदेश यात्रा पर दो लाख से ज्यादा खर्च करने वालों को भी रिटर्न भरना अनिवार्य किया गया है।

सीबीडीटी ने इस बार रिटर्न के सभी फॉर्म को संशोधित किया है, जिसमें सालाना 1 से ज्यादा बिजली बिल भरने वाले को भी रिटर्न दाखिल करना होगा। भले ही वह व्यक्ति आयकर के दायरे में न आता हो। सरकार ने बजट में वित्तीय कानून में बदलाव कर नए प्रावधान लागू किए थे, जिसे आयकर नियमों में भी शामिल कर लिया गया है। वैसे तो सीबीडीटी हर साल अप्रैल महीने के पहले सप्ताह में फॉर्म नोटिफाई करता है लेकिन इस बार विषम परिस्थितियों की वजह से 30 मई को जारी किया। 

बोर्ड ने फॉर्म आईटीआर-1 (सहज), आईटीआर-2, आईटीआर-3, आईटीआर-4 (सुगम), आईटीआर-5, आईटीआर-6, आईटीआर-7 और आईटीआर-v जारी किया है। इसमें 1 अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2020 तक की आय पर रिटर्न भरना है।

एक लाख से ज्यादा बिजली बिल को ITR में दिखाना होगा
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 का आयकर रिटर्न भरने के लिए सभी फॉर्म की अधिसूचना जारी कर दी है। नए आयकर फॉर्म में ज्यादा खर्च करने वाले जैसे 1 लाख रुपए से ज्यादा का बिजली का बिल, चालू खाते में 1 करोड़ रुपए जमा रखने वाले करदाताओं को इसे आईटी रिटर्न में दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है। सीबीडीटी ने कोविड-19 के कारण विभिन्न समय सीमा में कर भुगतान की छूट का लाभ लेने वाले फॉर्म में भी बदलाव किया है।

50 लाख की आय और मकान को लेकर यह नियम
अधिसूचना के मुताबिक सालाना 50 लाख रुपए तक वेतन पाने वाले अगर एक मकान रखते हैं तो उन्हें रिटर्न दाखिल करने के लिए ITR-1 सहज फॉर्म भरना होगा। रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख इस वर्ष के लिए 30 नवंबर होगी। इस बार आइटीआर फॉर्म भरने के दौरान तीन नई जानकारी देनी होगी। इनमें बिजली बिल और विदेश यात्रा की जानकारियों के अलावा यह है कि अगर आपने पिछले वित्त वर्ष (2019-20) के दौरान अपने करंट अकाउंट में एक करोड़ रुपये से अधिक जमा किया है तो ITR में इसे विस्तृत रूप में बताना होगा।

कारोबारियों को यह करना होगा
ITR-2 आवासीय प्रॉपर्टी से आमदनी प्राप्त करने वाले भरते हैं। ITR-3 व 6 कारोबार व व्यापार से संबंधित है। ITR-4 सुगम 50 लाख तक वाले प्रोफेशनल्स, एचयूएफ व फर्म (एलएलपी को छोड़कर) के लिए है। ITR-5 एलएलपी कारोबार वालों के लिए होता है। ITR-7 वे भरते हैं जिन्हें चैरिटेबल ट्रस्ट जैसी प्रॉपर्टी से आय होती है।
 


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jyoti choudhary

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