बेनामी संपत्ति पर मोदी सरकार का वार, 3500 करोड़ से भी ज्यादा की संपति जब्त
punjabkesari.in Thursday, Jan 11, 2018 - 03:49 PM (IST)
नई दिल्लीः बेनामी संपत्ति रखने वालों के खिलाफ आयकर विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है। आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति कानून के तहत 900 से अधिक मामलों में अब तक 3500 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति जब्त की है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय की तरफ से आज यह जानकारी दी गई है। कुल जब्त हुई 3500 करोड़ रुपए की संपत्ति में 2900 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है। आयकर विभाग ने काले धन और बेनामी संपति पर शिकंजा कसने के लिए विशेष अभियान चलाया है।
3500 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त
मंत्रालय के मुताबिक विभाग ने 900 से अधिक मामलों में 3,500 करोड़ रुपए से अधिक की बेनामी संपत्ति जब्त की है जिसमें 2,900 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति है। इसमें प्लॉट, फ्लैट, दुकान, आभूषण, वाहन, बचत खातों में जमा, सावधि जमा आदि शामिल हैं। पांच मामलों में सक्षम प्राधिकारी ने 150 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति जब्त किए जाने को सही ठहराया है। एक मामले में एक रियल्टी कंपनी ने कई लोगों के नाम पर 50 एकड़ भूमि खरीदी गई है। भूमि बेचने वाले और दलालों ने भी इसकी पुष्टि की है। एक अन्य मामले में नोटबंदी के बाद दो करदाताओं ने अपने कर्मचारियों और सहयोगियों के अलग-अलग बैंक खातों में बंद किए गए पुराने नोट जमा कराए थे। कुल राशि 39 करोड़ रुपए थी। एक अन्य मामले में एक वाहन से 1.11 करोड़ रुपए जब्त किए गए जबकि संबंधित व्यक्ति ने नकदी उसका होने से इनकार दिया था। इस तरह किसी ने उस नकदी को अपना नहीं बताया।
Income Tax Department steps-up actions under the Prohibition of Benami Property Transactions Act : Benami properties of more than Rs. 3,500 crore in more than 900 cases have been attached;For more details, please log on: https://t.co/PGMocIt4lT
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) January 11, 2018
जेल की सजा और जुर्माने का प्रावधान
उल्लेखनीय है कि यह कानून एक नवंबर 2016 से प्रभावी हुआ है। इस कानून के तहत पहले चल-अचल किसी किस्म की बेनामी संपत्तियों को फौरी तौर पर कुर्क करने और फिर उनको पक्के तौर पर जब्त करने की कार्रवाई करने के प्रावधान है। इसके अलावा इसके तहत ऐसी संपत्तियों का वास्तविक लाभ लेने वाले स्वामी, बेनामी संपत्ति धारक और बेनामी संपत्ति के लिए लेनदेन करने वालों के खिलाफ अभियोग चलाया जा सकता है। इसके तहत दोषियों को सात साल तक का सश्रम कारावास और संपत्ति के उचित बाजार मूल्य के 25 फीसदी तक जुर्माने का भी प्रावधान है।