IOB की तीसरी तिमाही की आय 5,198 करोड़ रुपये, घाटा 6,075 करोड़ रुपये

punjabkesari.in Tuesday, Feb 11, 2020 - 12:59 PM (IST)

बिजनेस डेस्क: सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) का दिसंबर, 2019 को समाप्त तीसरी तिमाही का शुद्ध घाटा बढ़कर 6,075.49 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। डूबे कर्ज के लिए ऊंचा प्रावधान करने की वजह से बैंक का घाटा बढ़ा है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक को 346.02 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बैंक ने कहा कि तिमाही के दौरान उसकी कुल आय घटकर 5,197.94 करोड़ रुपये रह गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 5,688.59 करोड़ रुपये थी।

 

तिमाही के दौरान बैंक का डूबे कर्ज के लिए प्रावधान बढ़कर 6,663.94 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो एक साल पहले समान तिमाही में 2,075.28 करोड़ रुपये था। तिमाही के दौरान बैंक की सकल गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) घटकर कुल कर्ज का 17.12 प्रतिशत रह गईं, जो एक साल पहले समान तिमाही में 23.76 प्रतिशत थीं। इसी तरह बैंक का शुद्ध एनपीए 13.56 प्रतिशत से घटकर 5.81 प्रतिशत रह गया। मूल्य के हिसाब से बैंक का सकल एनपीए 35,786.57 करोड़ रुपये से घटकर 23,733.86 करोड़ रुपये पर आ गया। 

 

इसी तरह बैंक का शुद्ध एनपीए 17,987.92 करोड़ रुपये से घटकर 7,087.09 करोड़ रुपये रह गया। बैंक ने स्पष्ट किया कि 2018-19 में उसके सकल एनपीए के आकलन में 358 करोड़ रुपये का अंतर रहा। बैंक ने सकल एनपीए 33,398 करोड़ रुपये बताया था, जबकि रिजर्व बैंक के आकलन के अनुसार यह 33,756 करोड़ रुपये था। इसी तरह शुद्ध एनपीए का अंतर भी 358 करोड़ रुपये रहा। प्रावधान का अंतर 2,208 करोड़ रुपये रहा। बैंक ने कहा कि 2018-19 में कुल घाटे को समायोजित कर 5,999.90 करोड़ रुपये किया गया। पहले इसके 3,737.90 करोड़ रुपये रहने की सूचना दी गई थी।


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vasudha

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