पाकिस्तान के बाद चीन पर महंगाई की मार, इस वजह से 8 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंची

punjabkesari.in Saturday, Nov 09, 2019 - 05:10 PM (IST)

नई दिल्लीः पाकिस्तान पहले ही मंहगाई से त्राहि त्राहि कर रहा है लेकिन पिछले माह यानी अक्टूबर के दौरान चीन की महंगाई दर बीते 8 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। चीन में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स अक्टूबर में सबसे अधिक तेजी से बढ़ा है। चीन की महंगाई दर में इतनी बड़ी तेजी पोर्क की कीमतों में अचानक उछाल की वजह से हुई है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अफ्रीकन स्वाइन बुखार की वजह से पोर्क की कीमतों में इतनी बड़ी तेजी देखने को मिली है। खुदरा महंगाई दर को मापने के एक प्रमुख के तौर पर कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स अक्टूबर माह में 3.8 फीसदी रहा। चीन के नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (NBS) द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, चीन में सितंबर माह में महंगाई दर 3 फीसदी रही थी। ​अक्टूबर माह की महंगाई दर जनवरी 2012 के बाद सबसे अधिक रही है।

अन्य मांसाहारी वस्तुओं की कीमतों में तेजी
चीन सरकार द्वारा इस आंकड़े को पेश करने से पहले भी रिपोर्ट में यहां की महंगाई दर 3.4 फीसदी से अधिक होने का अनुमान लगाया गया था। बीते एक साल में चीन में पोर्क की कीमतों में दोगुने से भी अधिक इजाफा हुआ है। अगस्त 2018 में स्वाइन बुखार के बाद पोर्क की कीमतों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही चिकन, डक और अंडे समेत अन्य मांसाहारी वस्तुओं की कीमतों में तेजी देखने को मिली है।

महंगाई दर में तेजी के पीछे ट्रेड वॉर भी एक वजह
सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पोर्क की कीमतों में इस तेजी से निपटने और सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए चीनी सरकार भी कई कदम उठा रहा है। इस रिपोर्ट में लिखा गया है कि चीन में कई नेता इसे लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं। बीजिंग की एक रिसर्च फर्म ने दावा किया है कि पोर्क की कीमतों में तेजी की वजह से ही 1989 में तियानमेन प्रदर्शन (1989 Tiananmen Square protests) हुआ था। 1989 में चीन की महंगाई दर 18.25 फीसदी रही थी। हालांकि, चीन की महंगाई दर में इस बड़ी तेजी का एक कारण अमेरिका और चीन के बीच चल रहा ट्रेड वॉर भी है।

इंडस्ट्रियल इंडेक्स में भी तेजी
चीन में इंडस्ट्रियल सेक्टर के लिए प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स भी अक्टूबर माह में 1.6 घट चुका है। चीन में फैक्ट्री से निकलने वाले वस्तुओं की कीमतों को लेकर इस इंडेक्स के जरिए ट्रैक किया जाता है। सितंबर माह में इसमें 1.2 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। अगस्त 2016 के बाद यह सबसे अधिक गिरावट रही है। अनुमान लगाया गया था कि यह 1.5 फीसदी रहेगा।


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jyoti choudhary

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