उद्योग जगत को उम्मीद, भविष्य में रेपो दर घटाएगा रिजर्व बैंक

punjabkesari.in Friday, Jun 04, 2021 - 04:33 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारतीय उद्योग जगत ने कहा है कि वह भविष्य में रेपो दर में कटौती की उम्मीद कर रहा है। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की दूसरी मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दरों को यथावत रखा है। मौद्रिक नीति पर प्रतिक्रिया में उद्योग जगत ने कहा कि आने वाले समय में कोष की लागत नीचे आनी ही चाहिए। ऐसे में भविष्य में रेपो दर में कटौती की संभावना है। इसके साथ ही उद्योग जगत ने उम्मीद जताई कि केंद्रीय बैंक अपने नरम मौद्रिक रुख को जारी रखेगा। 

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि टिकाऊ आधार पर वृद्धि को समर्थन देने की जरूरत बने रहने तक केंद्रीय बैंक अपने उदार रुख को जारी रखेगा। साथ ही वह मुद्रास्फीति को लक्ष्य के दायरे में रखेगा। अग्रवाल ने कहा कि आने वाले समय में कोष की लागत को नीचे लाना होगा। ऐसे में हम भविष्य में रेपो दर में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। हमारा अनुमान है कि केंद्रीय बैंक का नरम रुख अभी जारी रहेगा क्योंकि कमजोर मांग को बेहतर बनाने के लिए तरलता समर्थन बढ़ाने की जरूरत होगी। 

उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा कि रिजर्व बैंक के फैसले से यह संदेश जाता है कि वह महामारी से सबसे अधिक प्रभावित लोगों तक पहुंचना चाहता है। ऐसे लोगों को वह नरम दरों पर ऋण उपलब्ध कराने की पहल कर रहा है। एसोचैम ने कहा कि रेपो दर को यथावत रखते हुए केंद्रीय बैंक ने संपर्क-गहन क्षेत्रों के लिए 15,000 करोड़ रुपए की विशेष तरलता खिड़की शुरू करने की घोषणा की है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कहा कि नीतिगत दरों को यथावत रखते हुए केंद्रीय बैंक सरकार के बड़े उधार कार्यक्रम के बीच बांड पर प्राप्ति को स्थिर रखने को गैर-परंपरागत माध्यमों का इस्तेमाल कर रहा है। सीआईआई ने कहा कि संपर्क-गहन क्षेत्र के लिए 15,000 करोड़ रुपए की नकदी सुविधा तथा सिडबी के लिए विशेष तरलता सुविधा से संकट में फंसे क्षेत्रों को राहत मिलेगी।  


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Content Writer

jyoti choudhary

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