भारत की मुद्रास्फीति संतोषजनक स्तर से कहीं अधिक ऊंची: मूडीज एनालिटिक्स
punjabkesari.in Wednesday, Mar 31, 2021 - 01:19 PM (IST)
नई दिल्लीः भारत की मुद्रास्फीति संतोषजनक स्तर से काफी ऊंची है और एशियाई अर्थव्यवस्थाओं में यह अपवाद है। मूडीज कॉरपोरेशन की अनुषंगी इकाई मूडीज एनालिटिक्स ने मंगलवार को यह कहा। जोखिम, प्रदर्शन आदि से संबंधित आर्थिक शोध उपलब्ध कराने और परामर्श देने वाली मूडीज एनालिटिक्स ने कहा कि ईंधन के ऊंचे दाम खुदरा महंगाई दर पर दबाव बनाए रखेंगे। इससे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लिए नीतिगत दर में आगे कटौती मुश्किल होगी।
खुदरा मुद्रास्फीति फरवरी में बढ़कर 5 प्रतिशत पहुंच गई जो जनवरी में 4.1 प्रतिशत थी। रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है। मूडीज एनालिटिक्स ने कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति (खाद्य, ईंधन और प्रकाश की महंगाई दर को छोड़कर) फरवरी में बढ़कर 5.6 प्रतिशत रही जो जनवरी में 5.3 प्रतिशत थी। उसने कहा कि भारत में मुद्रास्फीति काफी ऊंची है।
उसने अपनी रिपोर्ट में कहा कि एशिया के ज्यादातर देशों में मुद्रास्फीति नरम है और तेल के दाम में वृद्धि तथा अर्थव्यवस्था को धीरे-धीरे खोले जाने से 2021 में इसमें तेजी की आशंका है। इस साल वैश्विक मानिक ब्रेंट कच्चा तेल 26 प्रतिशत उछलकर 64 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। कोविड-19 संकट जब अपने चरम के करीब था, यह मार्च 2020 में 30 डॉलर प्रति बैरल था।
मूडीज एनालिटिक्स के अनुसार, ‘‘मुद्रास्फीति के मामले में भारत और फिलीपीन अपवाद हैं। इन अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रस्फीति संतोषजनक स्तर से कहीं ऊपर है। इससे नीतिनिर्माताओं के लिए चुनौतियां बढ़ रही हैं।’’ उसने कहा कि भारत की मुद्रास्फीति चिंताजनक है। खाद्य वस्तुओं के दाम में उतार-चढ़ाव और तेल के दाम में तेजी से खुदरा महंगाई दर 2020 में कई बार उच्च सीमा 6 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गयी। इससे रिजर्व बैंक के लिए नीतिगत दर में और कटौती मुश्किल हो रही है।
मौद्रिक नीति व्यवस्था के तहत आरबीआई को मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत घट-बढ़ के साथ 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। मूडीज एनालिटिक्स ने यह भी कहा, ‘‘आरबीआई मुद्रास्फीति को इस दायरे में रखने के लक्ष्य को 31 मार्च की मौजूदा समयसीमा के बाद भी बनाए रख सकता है।’’