भारत बना सोने का सबसे बड़ा आयातक

punjabkesari.in Friday, Feb 09, 2018 - 10:02 AM (IST)

नई दिल्लीः सोने के प्रति भारतीयों की दीवानगी पर नोटबंदी, जी.एस.टी. और आर्थिक सुस्ती का कोई असर नहीं पड़ा। देश में सोने के आभूषणों के प्रति लोगों की चाहत 12 प्रतिशत बढ़ गई। वर्ष 2017 की अंतिम तिमाही में भारत चीन को पछाड़कर फिर से सोने का सबसे बड़ा आयातक बन गया। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यू.जी.सी.) की रिपोर्ट के मुताबिक 2017 के दौरान देश में पिछले साल सोने की मांग 9.1 प्रतिशत बढ़ कर 727 टन रही, जबकि 2016 के दौरान यह 666.1 टन थी।

चीन को पछाड़ा
देश में सोने की सबसे तेज मांग 2017 की चौथी यानी अंतिम तिमाही में रही। उस तिमाही में भारत में सोने की मांग चीन से भी ज्यादा थी। अक्तूबर-दिसम्बर के दौरान देश में 249.3 टन सोने की मांग रही, जबकि इस दौरान चीन में सोने की मांग 243.8 टन की थी। देश में सोने की मांग शहरी इलाकों की अपेक्षा ग्रामीण इलाकों में ज्यादा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक ई.टी.एफ . में कम निवेश का कारण वैश्विक मांग में गिरावट आई है। डब्ल्यू.जी.सी. की रिपोर्ट में 2018 के दौरान भी भारत में सोने की मांग बेहतर रहने का अनुमान लगाया गया है। 2008 के दौरान भारत में सोने की मांग 700-800 टन रहने का अनुमान लगाया गया है।

मुख्य कारण आभूषणों की मांग में वृद्धि 
वर्ष 2017 में सोने की मांग बढऩे का मुख्य कारण आभूषणों की मांग में वृद्धि रही। देश में सोने के आभूषणों की मांग 12 प्रतिशत बढ़ कर 562.7 टन हो गई जबकि 2016 में 504.5 टन थी। मूल्य के आधार पर आभूषण मांग 2016 में 1,36,290 करोड़ रुपए से 9 प्रतिशत बढ़ कर 2017 में 1,48,100 करोड़ रुपए हो गई। देश में चौथी तिमाही के दौरान सोने की मांग 4 प्रतिशत बढ़कर 189.6 टन दर्ज की गई जो 17 सालों में चौथी तिमाही के लिए सबसे अधिक मांग है। डब्ल्यू.जी.सी. के प्रबंध निदेशक (भारत) सोमसुंदरम पी.आर. के मुताबिक भारत में सोने की मांग में इजाफे की वजह आभूषण की अधिक खरीदारी, शेयर बाजार का बेहतर प्रदर्शन और सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) वृद्धि का बेहतर अर्थव्यवस्था की ओर बढऩा तथा उपभोक्ताओं वह भी खासकर ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं के सकारात्मक रुख की वजह से भारत में सोने की मांग में तेजी आई है। 


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