IMF की चेतावनी- कोरोना के कारण 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट से बदतर है यह मंदी

punjabkesari.in Saturday, Apr 04, 2020 - 01:50 PM (IST)

नई दिल्लीः अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि कोरोना के कारण वैश्विक मंदी की शुरुआत हो चुकी है। उन्होंने यह भी कहा कि 2020 की मंदी 2008 में आए वित्तीय संकट से ज्यादा गंभीर है। उन्होंने कहा कि यह दोहरा संकट है। यहां आर्थिक और स्वास्थ्य दोनों समस्याएं गंभीर हैं।

जॉर्जीवा ने कहा कि दुनियाभर में कोविड-19 से लड़ाई के बीच जीवन बचाने और आजीविका की रक्षा पर साथ में काम किए जाने की आवश्यकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में 10 लाख से अधिक लोग दुनियाभर में कोविड-19 संक्रमण से संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 50 हजार से अधिक व्यक्तियों ने अपनी जान गंवाई है।

लॉकडाउन से टेम्पररी वर्कर्स के सामने रोटी का संकट
21 दिनों के कोरोना लॉकडाउन के कारण पूरे देश में सबकुछ बंद है। भारत एक ऐसा देश है जहां सैलरीड रोजगार काफी कम है। यहां दिहाड़ी और टेम्पररी वर्कर्स की संख्या काफी ज्यादा है। लॉकडाउन के कारण फैक्ट्री और तमाम मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स बंद हैं। लॉकडाउन का सबसे बुरा असर इन्हीं टेम्पररी वर्कर्स पर पड़ा है। उनके सामने तो खाने की भी समस्या पैदा हो गई है। 

फिच का अनुमान 2 फीसदी
इन तमाम परिस्थितियों के कारण भारत में स्थिति और गंभीर दिख रही है। तमाम रेटिंग एजेंसियों ने ग्रोथ रेट का अनुमान काफी कर दिया है। फिच ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान घटाकर 2 फीसदी कर दिया है, जबकि 2020-21 के लिए यह 5.6 फीसदी से घटाकर 5.1 फीसदी किया है। 

मूडीज का अनुमान 2.5 फीसदी
मार्च में मूडीज इन्वेस्टर्स ने 2020 कैलेंडर इयर के लिए ग्रोथ का अनुमान घटाकर 2.5 फीसदी कर दिया है। पहले यह अनुमान 5.3 फीसदी था। बार्कले ने भी कहा कि 21 दिनों के लॉकडाउन के कारण कैलेंडर इयर 2020 में ग्रोथ रेट 2.5 फीसदी रहेगा। पहले यह अनुमान 4.5 फीसदी था।

ADB का अनुमान 4 फीसदी
एशियन डिवेलपमेंट बैंक (ADB) ने कहा कि कोरोना के कारण वित्त वर्ष 2020 में ग्रोथ रेट 4 फीसदी पर पहुंच जाएगा। इस महामारी से वैश्विक अर्थव्यवस्था को 4.1 ट्रिल्यन डॉलर नुकसान का अनुमान जताया गया है।


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jyoti choudhary

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