Vodafone-Idea के कारोबार पर लटकी तलवार, सरकार पर गहरा सकता है भारी संकट

punjabkesari.in Tuesday, Feb 18, 2020 - 03:29 PM (IST)

बिजनेस डेस्क:  देश में अर्थव्यवस्था ही हालत ठीक नहीं चल रही है, अब टेलीकॉम सेक्टर के सामने भी नई मुसीबत खड़ी हो गई है। घाटे में चल रही वोडाफोन आइडिया जल्द ही अपना कारोबार समटने की तैयारी कर रहे हैं अगर ऐसा हुआ तो भारत पर संकट गहरा सकता है। दरअसल इन कंपनियों के बंद होने से करोड़ों डॉलर के नुकसान तो होगा ही इसके साथ ही बहुराष्ट्रीय कंपनियों में भी भारत की छवी खराब हो जाएगी और बाहर से निवेश होने की संभावनाएं भी कम हो जाएगी।

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वोडाफोन आइडिया एक संयुक्त उद्यम है, जिसमें ब्रिटेन का वोडाफोन ग्रुप पीएलसी और भारत की आइडिया कंपनी की हिस्सेदारी है। यह दोनों का भारत के मोबाइल कारोबार पर काफी अच्छा अंकुश है। हालांकि इस समय यह दोनों कंपनियां इस वक्त घाटे का सफर तय कर रही है। शेयर बाजार में इसके एक शेयर की कीमत 33 फीसदी नीचे गिरकर 4 रुपये तक पहुंच चुकी है। यदि मौजूदा परिस्थितियों पर गौर किया जाए तो यह अपना बिजनेस जल्द से जल्द समेट सकता है। Vodafone Group पहले ही कह चुका है कि वह Vodafone Idea में ताजा निवेश नहीं करेगा। ऐसे में यदि कंपनी अपना ऑपरेशन बंद करती है तो इससे एक लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हो जाएंगे। कंपनी के पेरोल पर 11,700 कर्मचारी काम करते हैं जबकि यह कंपनी लगभग एक लाख लोगों को परोक्ष रूप से रोजगार देती है।

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Vodafone Idea के बंद होने पर ये होगा असर 

  • वोडाफोन आइडिया के बंद होने का सबसे पहला असर रोजगार पर पड़ेगा।
  • दूसरा असर उन उपभोक्ताओं पर पड़ना तय है जो इस कंपनी की सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं
  • कंपनी के बंद होने पर पहले ही NPA के संकट से जूझ रहे देश के बैंकों को भी करारा झटका लग सकता है। 
  • वोडाफोन आइडिया पर भारतीय बैंकों का 25,000 करोड़ रुपये बकाया है। ऐसे में कंपनी डूबी तो बैंकों की यह रकम भी फंस जाएगी।
     

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गौरतलब है कि टेलीकॉम कंपनियों को AGR यानी एडजेस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू मामले में 1.02 लाख करोड़ रुपये सरकार को चुकाने हैं। ये टेलीकॉम कंपनियों पर लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम शुल्क है। कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका डालकर जुर्माना, ब्याज और जुर्माने पर लगने वाले ब्याज पर छूट मांगी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट याचिका को खारिज कर चुका है। वोडाफोन-आइडिया को 53 हजार करोड़ रुपये सरकार को देने हैं लेकिन कंपनी ने सरकार से मदद मांगी है, जो अभी तक नहीं मिली है। वोडाफोन का कहना है कि अगर मदद नहीं मिली तो कंपनी के बंद होने का संकट गहरा जाएगा। 


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vasudha

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