सैकड़ों FPI को बीते आकलन वर्षों के लिए गलत रिटर्न पर मिले नोटिस

punjabkesari.in Friday, Aug 27, 2021 - 02:26 PM (IST)

मुंबईः गलत रिटर्न भरने की वजह से पिछले कुछ दिनों में अचानक बड़ी तादाद में नोटिस मिलने से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) डरे हुए हैं। पिछले आकलन वर्षों के लिए आयकर अधिनियम की धारा 139 (9) के तहत गलत रिटर्न के सैकड़ों नोटिस जारी किए गए हैं। निवेशकों से खामियां दूर करने और नफा-नुकसान के खातों समेत बैलेंस शीट पेश करने को कहा गया है, जबकि मौजूदा नियमों के तहत उन्हें ऐसा करने की जरूरत नहीं है। 

इसकी वजह यह है कि एफपीआई भारत में पूंजीगत लाभ और लाभांश आय अर्जित करते हैं और वे कोई कारोबार नहीं चलाते तथा किसी पेशवर गतिविधि में भी शामिल नहीं होते। उनका भारत में कोई स्थायी प्रतिष्ठान भी नहीं होता है। विशेषज्ञों ने इसे अभूतपूर्व स्थिति बताते हुए कहा कि नए आयकर पोर्टल में खामी इन नोटिसों की वजह हो सकती है। इस बारे में जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया, 'एफपीआई इन्हें तकनीकी खामी नहीं मान रहे बल्कि उन्हें लगता है कि आयकर विभाग उनकी जांच कर रहा है।' उन्होंने कहा कि इससे विदेशी निवेशकों के बीच भारत की छवि खराब हो सकती है, जिन्हें पहले भी देश की अनिश्चित कर प्रणाली की वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। 

ईवाई इंडिया में पार्टनर अनीश ठाकेर ने कहा, 'ऐसा लगता है कि पुराने आकलन वर्षों के नोटिस दोबारा बनाकर फिर भेजे गए हैं। हमारी टीमों ने केंद्रीकृत प्रोसेसिंग केंद्र के अधिकारियों से संपर्क किया, जिन्होंने हमें बताया कि यह तकनीकी खामी है।' केपीएमजी इंडिया में पार्टनर और नैशनल लीडर (बीएफएसआई कर एवं नियमन) सुनील बडाला ने कहा, 'यह समस्या पहले भी आई है, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर नहीं। पिछले वर्षों का जवाब दिए जाने के बाद भी नोटिस दोबारा भेजे जा रहे हैं।' इस खामी के संबंध में इन्फोसिस को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला। 

गलत रिटर्न के लिए नोटिस कई वजहों से भेजे जा सकते हैं, जिनमें निर्धारित प्रारूप में रिटर्न नहीं भरना, संबंधित बहीखाते संलग्न नहीं करना, रिफंड के रूप में टीडीएस का दावा करना और आय की पूरी जानकारी मुहैया नहीं कराना आदि शामिल हैं। आम तौर पर करदाताओं को गलतियां सुधारने के लिए 15 दिन का समय दिया जाता है। इस अवधि में ऐसा नहीं करने पर माना जाता है कि करदाता ने आयकर रिटर्न नहीं भरा है।  


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Content Writer

jyoti choudhary

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