लॉकडाउन के कारण रिटेल सेक्टर में भारी गिरावट, जानें ई-कॉमर्स को कितना हुआ नुकसान

punjabkesari.in Monday, Apr 20, 2020 - 09:54 AM (IST)

नई दिल्लीः कोविड-19 महामारी के कहर से जहां पूरी दुनिया में डेढ़ लाख से अधिक लोगों की मौत हो गई है, वहीं इसके प्रभाव से बचने के लिए लगे लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा है। अर्थव्यवस्था की बात करें तो भारत के रिटेल सेक्टर में बड़ी गिरावट दर्ज की जा रही है।

सर्वे एजेंसी नील्सन के अनुसार मार्च के आखिरी सप्ताह में देश के चार में से तीन रिटेल चैनल में भारी घाटा सहना पड़ा है। बता दें कि रिटेल सेक्टर में ई-कॉमर्स, कैश एंड कैरी, पारंपरिक और मॉडर्न चार प्रमुख चैनल हैं लेकिन एक मॉडर्न को छोड़ दें तो शेष तीन चैनलों को भारी गिरावट दर्ज करनी पड़ी है।

किस चैनल में कितना गिरावट

  • ई-कॉमर्स चैनल में सबसे ज्यादा 64 फीसदी की गिरावट
  • कैश एंड कैरी चैनल में 44 फीसदी की गिरावट
  • पारंपरिक ट्रेड में भी 6 फीसदी की गिरावट
  • मॉडर्न ट्रेड चैनल को लाभ
  • मॉडर्न ट्रेड ऐसा चैनल रहा जिसमें 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई

बता दें कि शॉपिंग मार्ट, हाइपरमार्ट, मिनी सुपरमार्ट आदि मॉडर्न ट्रेड चैनल में आते हैं। लॉकडाउन के नियमों में सख्ती होने के बाद अप्रैल में इसमें भी भारी गिरावट आने की आशंका जताई जा रही है।

नील्सन इंडिया के अनुसार लॉकडाउन की वजह से सप्लाई चेन में आई रुकावट, सामानों की आवाजाही में अवरोध और स्टाफ की कमी के कारण रिटेल सेक्टर में इस तरह की बड़ी गिरावट देखी गई। ऐसे में रिटेल सेक्टर में काम कर रहे अधिकतर कर्मचारी घरों में रहने को मजबूर हैं। वहीं, करीब 90 फीसदी ट्रकों के रोड पर नहीं आने के कारण सामानों की आवाजाही भी नहीं हो पा रही थी।

सर्वे के मुताबिक रिटेल सेक्टर में इन दिनों सबसे ज्यादा डिमांड सफाई के काम आने वाली वस्तुओं और अनाज की है। कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए हैंड सैनिटाइजर, साबुन, फ्लोर क्लीनर आदि उपयोगी पाए गए हैं। लिहाजा इनकी बिक्री काफी बढ़ी है। वहीं, लॉकडाउन की अनिश्चितता के कारण बड़ी संख्या में लोग चावल, आटा आदि स्टॉक कर रहे हैं। इस कारण इनकी डिमांड 50 से 100 फीसदी तक बढ़ी है।  

नियमित आपूर्ति न हो पाने के कारण आउट ऑफ स्टॉक की समस्या
देशव्यापी लॉकडाउन में जरूरी सामान बेचने वाले रिटेलर्स को दुकान या स्टोर खुला रखने की इजाजत मिली थी। लेकिन डिमांड अधिक होने के कारण और सामानों की नियमित आपूर्ति न हो पाने के कारण आउट ऑफ स्टॉक की समस्या उत्पन्न हो गई और जिस वजह से  इनकी बिक्री में भी भारी गिरावट देखी गई।
 


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jyoti choudhary

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