सरकार ‘गड़बड़ी’ रोकने के लिए मनरेगा योजना को सख्त करेगी

punjabkesari.in Sunday, Feb 13, 2022 - 03:54 PM (IST)

नई दिल्लीः सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) को सख्त बनाने की तैयारी कर रही है, क्योंकि पिछले दो वर्षों के दौरान इस योजना के तहत ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम में काफी गड़बड़ियां या रिसाव देखने को मिला है। एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।

केंद्र ने 2022-23 के लिए मनरेगा के तहत 73,000 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं, जो चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान (आरई) में दिए गए 98,000 करोड़ रुपए से 25 प्रतिशत कम है। अगले वित्त वर्ष के लिए आवंटन, चालू वित्त वर्ष के लिए बजट अनुमान (बीई) के बराबर है।

अधिकारी ने कहा कि पिछले दो वर्षों में बीई के मुकाबले आरई काफी अधिक रहा है और यह पाया गया कि इसमें जबर्दस्त ‘रिसाव’ हो रहा है तथा बिचौलिए योजना के तहत लाभार्थियों के नाम दर्ज करने के लिए पैसे ले रहे हैं। अधिकारी ने बताया, ‘‘प्रत्यक्ष लाभ अंतरण सीधे व्यक्ति तक धन पहुंचाने में सफल रहा है, लेकिन फिर भी ऐसे बिचौलिए हैं, जो लोगों से कह रहे हैं कि मैं आपका नाम मनरेगा सूची में डाल दूंगा, लेकिन आपको नकद हस्तांतरण के बाद वह राशि मुझे वापस देनी होगी। यह बड़े पैमाने पर हो रहा है।” उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय इस पर सख्ती करेगा।

अधिकारी ने कहा कि लाभार्थी और बिचौलियों के बीच यह साठगांठ है कि चूंकि लाभार्थी बिचौलिए को कुछ हिस्सा दे रहा है, इसलिए वह काम पर भी नहीं जाएगा और इसलिए कोई काम नहीं हो रहा है। अधिकारी ने कहा, ‘‘सरकार पिछले दो वर्षों में मनरेगा कोष आवंटित करने में बहुत उदार रही है। हमने 2020-21 में 1.11 लाख करोड़ रुपए जारी किए, जबकि 2014-15 में यह आंकड़ा 35,000 करोड़ रुपए था।’’
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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