तंगी से जूझ रही सरकार लाएगी कर रियायत योजना! अपको भी मिल सकता है लाभ
punjabkesari.in Tuesday, Jan 14, 2020 - 11:15 AM (IST)
बिजनेस डेस्क: राजस्व की तंगी से जूझ रही केन्द्र सरकार अगले आम बजट में टैक्सपेयर्स के लिए कर रियायत योजना लेकर आ सकती है। इसके तहत वह अपने पिछले 5-6 वर्षों की अतिरिक्त आय का खुलासा कर सकते हैं। इस पर उन्हें कोई जुर्माना नहीं भरना होगा और न ही उन्हें कोई सजा होगी। अभी इस प्रस्ताव पर विचार किया जा रहा है। इससे करदाता पिछले मामलों के खुलने या सजा की आशंका के बिना अपनी घोषित आय को संशोधित कर सकते हैं। इससे न केवल कर अनुपालन में सुधार होगा बल्कि सरकार का खजाना भी भरेगा। सरकार को इस योजना के क्रियान्वयन के पहले वर्ष कम से कम 50,000 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान है।
प्रत्यक्ष कर कार्य बल ने दिया था सुझाव
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के सदस्य अखिलेश रंजन के नेतृत्व वाले प्रत्यक्ष कर कार्य बल ने इसका सुझाव दिया था। एक अधिकारी ने कहा कि कई लोग अपने पिछले साल की आय का खुलासा करना चाहते हैं लेकिन वे ऐसा करने से डरते हैं। उन्हें लगता है कि जैसे ही वे ऐसा करेंगे, उनके रिकार्ड की जांच शुरू हो जाएगी और उन्हें जुर्माना भरना होगा। इस तरह उन्हें मोटी रकम देनी होगी। प्रत्यक्ष कर कार्यबल द्वारा दिए गए सुझाव पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
मुकद्दमेबाजी पर भी लगेगी लगाम
एक अधिकारी ने कहा कि इस कदम से मुकद्दमेबाजी पर भी लगाम लगने की उम्मीद है। विभाग को मुकद्दमों पर भारी राशि खर्च करनी पड़ती है लेकिन उसे केवल 20 प्रतिशत मामलों में ही जीत मिलती है। अदालतों और पंचाटों में कई वर्षों से तकरीबन 5,00,000 मामले लंबित हैं जिनमें विवाद की राशि करीब 7-8 लाख करोड़ रुपए है। नांगिया एंडरसन कंसङ्क्षल्टग के चेयरमैन राकेश नांगिया ने कहा कि अधिकांश कर विवादों में आयकर विभाग अपीलकत्र्ता या याची है।
अगस्त 2019 में कर मुकद्दमेबाजी की सीमा में हुई बढ़ौतरी
अगस्त, 2019 में कर मुकद्दमेबाजी की सीमा में उल्लेखनीय बढ़ौतरी की गई थी। विभाग को इस सीमा से नीचे की राशि के मामलों में अपील दायर नहीं करने और इस कर प्रभाव से नीचे के मामलों में अपील वापस लेने को कहा गया है। आयकर विभाग के लिए पंचाट के समक्ष अपील हेतु कर प्रभाव सीमा 20 लाख से बढ़ाकर 50 लाख, उच्च न्यायालय के लिए 50 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ और उच्चतम न्यायालय के लिए 1 करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपए कर दी गई थी। नए कर प्रभाव परिपत्र के जारी होने के बाद विभाग ने बड़ी संख्या में लंबित अपीलों को वापस ले लिया है।
माफी योजना की सफलता भी उत्साहजनक
अप्रत्यक्ष कर के लिए माफी योजना की सफलता भी उत्साहजनक रही है जिससे केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड को 30,000 से 35,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व हासिल हो चुका है। सरकार ने पिछले साल सितम्बर में सब का विश्वास विरासत विवाद समाधान योजना शुरू की थी और इसमें उत्पाद एवं सेवा कर से जुड़े विवाद और देनदारियां शामिल की गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार सबका विश्वास विरासत विवाद समाधान योजना की तर्ज पर प्रत्यक्ष कर के लिए माफी योजना पर विचार कर सकती है। ईवाई में पार्टनर और नैशनल टैक्स लीडर सुधीर कपाडिय़ा ने कहा कि अगर प्रत्यक्ष कर समाधान योजना में ब्याज और जुर्माना माफ कर दिया जाता हैै तो करदाता इसे हाथों-हाथ ले सकते हैं।