सरकार तेल निर्यात, अप्रत्याशित लाभ कर की हर पखवाड़े समीक्षा करेगी

punjabkesari.in Monday, Jul 04, 2022 - 03:33 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत में उत्पादित तेल और विदेशों में निर्यात किए जाने वाले ईंधन पर हाल में लागू किए गए अप्रत्याशित लाभ कर की सरकार हर पखवाड़े समीक्षा करेगी। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि यह समीक्षा विदेशी मुद्रा विनिमय दर और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर की जाएगी। हालांकि, इन करों को वापस लेने के लिए अभी कोई स्तर तय नहीं किया गया है। 

राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय तेल दरों को देखते हुए उपकर को वापस लेने के लिए तेल की कीमतों का 40 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर वापस आना फिलहाल अवास्तविक है। समीक्षा इस बात पर आधारित है कि यदि कच्चे तेल की कीमत गिरती है, तो अप्रत्याशित लाभ खत्म हो जाएगा और नए कर वापस ले लिए जाएंगे। बजाज ने कहा, ‘‘विदेशी मुद्रा विनिमय दरों और अंतरराष्ट्रीय कीमतों के आधार पर हर दो सप्ताह में हम इसकी समीक्षा करेंगे।'' 

उन्होंने कहा, ‘‘डॉलर से रुपए के विनिमय दर क्या है, अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीजल, कच्चे तेल की कीमत, कच्चे तेल की घरेलू लागत क्या है, हम इसकी समीक्षा करते रहेंगे। एक बार जब हम समीक्षा करेंगे, तो आप खुद समझ जाएंगे।'' भारत एक जुलाई से वैश्विक स्तर पर उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने ऊर्जा की बढ़ती कीमतों से पेट्रोलियम कंपनियों को होने वाले अप्रत्याशित लाभ पर कर लगाया है। सरकार ने एक जुलाई से पेट्रोल और विमान ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर छह रुपए प्रति लीटर और डीजल के निर्यात पर 13 रुपए प्रति लीटर का कर लगाया है। इसके अतिरिक्त घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर 23,250 रुपए प्रति टन का कर लगाया गया है। सरकार ने 23 मई को पेट्रोल पर आठ रुपए प्रति लीटर के उत्पाद शुल्क की कटौती की थी। डीजल पर उत्पाद शुल्क छह रुपए प्रति लीटर घटाया गया था। 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उस समय कहा था कि उत्पाद शुल्क कटौती से सरकार को सालाना एक लाख करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा। इसबीच ब्रेंट क्रूड सोमवार को 112.03 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था। दूसरी ओर रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिरकर 78.99 पर आ गया। सीबीआईसी के अध्यक्ष विवेक जौहरी ने भी कहा कि अप्रत्याशित लाभ कर की समीक्षा के लिए अभी कोई सीमा तय नहीं की गई है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, हमने इसके बारे में नहीं सोचा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और शोधित उत्पादों की कीमतों के आधार पर हर 15 दिनों में दरों की समीक्षा की जाएगी।'' 
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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