ई-कॉमर्स क्षेत्र में FDI नियमों में बदलाव करेगी सरकार, Amazon को लग सकता है झटका
punjabkesari.in Wednesday, Jan 20, 2021 - 02:20 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार ई-कॉमर्स के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों में बदलाव करने पर विचार कर रही है। तीन सूत्रों और एक सरकारी प्रवक्ता ने रॉयटर्स को इसकी पुष्टि की है। सरकार के इस कदम से अमेजॉनडॉटकॉम इंक सहित ई-कॉमर्स कंपनियों पर असर पड़ सकता है। यह बदलाव ई-कॉमर्स कंपनियों को कुछ प्रमुख विक्रेताओं के साथ अपने संबंधों को पुनर्गठित (restructure) करने के लिए मजबूर कर सकता है।
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रिटेल दुकानदारों की शिकायत के बाद बदलाव की चर्चा
बदलाव की चर्चा देश के रिटेल विक्रेताओं की बढ़ रही शिकायतों के बाद आई है। ये रिटेल दुकानदार वर्षों से अमेजन और फ्लिपकार्ट पर नियमों को दरकिनार करने का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि ऐसे आरोपों से अमेरिकी कंपनियां इनकार करती रही हैं। भारत केवल विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को खरीदारों और विक्रेताओं को जोड़ने के लिए एक बाजार के रूप में काम करने की अनुमति देता है। यह उन्हें इन्वेंट्री की लिस्ट रखने और सीधे उन्हें अपने प्लेटफार्मों पर बेचने से रोकता है।
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2018 के बदलाव से लगा था धक्का
देश में विदेशी ई-कंपनियों को केवल मार्केटप्लेस के तौर पर परिचालन करने की अनुमति है जहां पर वे खरीदार और विक्रेताओं को आपस में जोड़ती हैं। उन्हें सामान का भंडार रखने और अपने स्तर पर अपने प्लेटफॉर्मों पर बेचने की मनाही है। अमेजॉन और वालमॉर्ट की फ्लिपकार्ट को पिछली बार धक्का दिसंबर 2018 में लगा था, जब निवेश नियमों में बदलाव किया गया था। इस नियम में विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को उन विक्रेताओं के उत्पादों की पेशकश करने की मनाही थी, जिसमें उनकी इक्विटी हिस्सेदारी है।तीन सूत्रों ने बताया कि अब सरकार कुछ ऐसे प्रावधान लाने पर विचार कर रही है जिससे यदि ई-कॉमर्स फर्म अपने मूल संगठन के जरिये विक्रेता की कंपनी में हिस्सेदारी रखती हैं तो उन व्यववस्थाओं पर भी लगाम लगे। सूत्रों ने चर्चा को निजी बताते हुए पहचान नहीं बताने का अनुरोध किया है।
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सरकार की ओर से ऐसे बदलाव किए जाने से अमेजॉन को चोट पहुंच सकती है क्योंकि वह भारत में अपने दो सबसे बड़े ऑनलाइन विक्रेताओं में अप्रत्यक्ष इक्विटी हिस्सेदारी रखती है। अमेजॉन, वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट ने टिप्पणी करने के अनुरोध पर तुरंत प्रतिक्रिया नहीं दी। वणिज्य और उद्योग मंत्रालय के प्रवक्ता योगेश बावेजा ने रॉयटर्स से कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नियमों में किसी तरह के बदलाव की जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी जाएगी।