आर्थिक संकट से जूझ रही कंपनियों को सरकार ने दी राहत, नई बैंकरप्सी फाइलिंग पर लगी रोक 3 महीने के लिए

punjabkesari.in Friday, Sep 25, 2020 - 02:28 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः कोरोनावायरस महामारी के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रही कंपनियों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने नई बैंकरप्सी पर लगी रोक की अवधि को 3 महीने के लिए और बढ़ा दिया है। मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, अब 25 दिसंबर 2020 तक कंपनियों के खिलाफ नई बैंकरप्सी फाइल नहीं की जा सकेगी।

नई इंसोल्वेंसी एंड बैंकरप्सी प्रक्रिया पर रोक लगाने के संबंध में सरकार जून में एक अध्यादेश लेकर आई थी। यह अध्यादेश 25 मार्च से लागू माना गया था। इसी दिन देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था। इस अध्यादेश को कानूनी रूप देने के लिए आईबीसी में बदलाव किया है। इन बदलावों को शुक्रवार को संसद ने मंजूरी दे दी है।

वित्तीय संकट से निपटने में मदद मिलेगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय की ओर से एक ट्वीट में कहा गया है कि इस कदम से कंपनियों को वित्तीय संकट से निपटने में मदद मिलेगी। ट्वीट में कहा गया है कि सरकार ने कारोबारों की रक्षा का वादा किया था। इसी के तहत इंसोल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) के सेक्शन 7, 9 और 10 पर लगी रोक को बढ़ाया गया है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की जिम्मेदारी भी सीतारमण के पास है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह कहा था कि बैंकरप्सी कानून का मकसद कंपनियों को कारोबार में बनाए रखना है, उसे बंद करना नहीं है। कोरोनावायरस के कारण कंपनियों पर बहुत बुरा असर हुआ है। ऐसे में यदि ज्यादा कंपनियों के खिलाफ बैंकरप्सी प्रक्रिया शुरू की जाएगी, तो उनके लिए खरीदार खोजना मुश्किल हो जाएगा।

जून 2020 तक 2,108 कॉरपोरेट इंसोल्वेंसी मामले लंबित थे
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जून 2020 तक 2,108 कॉरपोरेट इंसोल्वेंसी मामले विभिन्न ट्रिब्यूनलों में लंबित हैं। इनमें से 1,094 मामलों ने रेजोल्यूशन के लिए तय की गई 270 दिनों की समय सीमा पार कर ली है।

लोन देने से कतरा सकते हैं बैंक
आशंका जताई जा रही है कि बैंकरप्सी फाइलिंग पर रोक की अवधि बढ़ाने से बैंक कारोबारियों को लोन देने से कतरा सकते हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था पहले ही 2018 में शुरू हुए एनबीएफसी संकट से जूझ रही है। जबकि आर्थिक विकास में तेजी लाने के लिए कारोबारियों को निरंतर लोन उपलब्ध कराना जरूरी है।


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jyoti choudhary

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