RTI में खुलासा, बीते एक साल में 18 सरकारी बैंकों में हुए 1.48 लाख करोड़ रुपए के फ्रॉड

punjabkesari.in Friday, Jul 24, 2020 - 11:58 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार पता चला है कि पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में सरकारी सेक्टर के तत्कालीन 18 बैंकों द्वारा कुल 1,48,428 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के 12,461 मामले सूचित किए गए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने आरटीआई ऐक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौड़ की ओर से मांगी गई जानकारी के जवाब में यह आंकड़ा दिया है।  

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SBI में सबसे ज्यादा केस
आरबीआई की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा केस एसबीआई में दर्ज किए गए हैं। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक को धोखाधड़ी के मामलों से 44,612 करोड़ रुपए की चपत लगी है। बैंक में धोखाधड़ी के कुल 6,964 मामले सामने आए हैं। 18 बैंकों में सामने आए सभी फ्रॉड केस के अनुपात में देखें तो अकेले एसबीआई को ही 30 फीसदी की चपत लगी है।

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आरबीआई ने बताया कि पंजाब नेशनल बैंक द्वारा एक अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2020 की अवधि में धोखाधड़ी के 395 मामले सूचित किए गए जिसमें 15,354 करोड़ रुपए की रकम शामिल है। इस लिस्ट में तीसरे स्थान पर बैंक ऑफ बड़ौदा रहा जिसमें 349 मामलों के साथ 12,586.68 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी सामने आई। आपको बता दें कि बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय एक अप्रैल, 2019 से अमल में आया था।

एक अप्रैल, 2019 से 31 मार्च, 2020 की अवधि में बैंकों में धोखाधड़ी

  • एसबीआई में 44,612.93 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी से जुड़े 6,964 मामले सूचित किए गए
  • पंजाब नेशनल बैंक में 15,354 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के 395 मामले सूचित किए गए
  • बैंक ऑफ बड़ौदा में 12,586.68 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के 349 मामले सामने आए
  • यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 424 मामलों में 9,316.80 करोड़ रुपए 
  • बैंक ऑफ इंडिया ने 200 मामलों में 8,069.14 करोड़ रुपए 
  • केनरा बैंक ने 208 मामलों में 7,519.30 करोड़ रुपए
  • इंडियन ओवरसीज बैंक ने 207 मामलों में 7,275.48 करोड़ रुपए 
  • इलाहाबाद बैंक ने 896 मामलों में 6,973.90 करोड़ रुपए 
  • यूको बैंक ने 119 मामलों में 5,384.53 करोड़ रुपए 
  • ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने 329 मामलों में 5,340.87 करोड़ रुपए 
  • सिंडिकेट बैंक ने 438 मामलों में 4,999.03 करोड़ रुपए
  • कॉरपोशन बैंक ने 125 मामलों में 4,816.60 करोड़ रुपए 
  • सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने 900 मामलों में 3,993.82 करोड़ रुपए 
  • आंध्रा बैंक ने 115 मामलों में 3,462.32 करोड़ रुपए 
  • बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने 413 मामलों में 3,391.13 करोड़ रुपए
  • यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया ने 87 मामलों में 2,679.72 करोड़ रुपए 
  • इंडियन बैंक ने 225 मामलों में 2,254.11 करोड़ रुपए
  • पंजाब एंड सिंध बैंक ने 67 मामलों में 397.28 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी हुई

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अब घटकर 12 ही रह गए हैं सरकारी बैंक
गौरतलब है कि पिछले साल के मुकाबले अब बैंकों की संख्या 12 ही रह गई है। बीते साल कुल 18 सरकारी बैंक थे लेकिन एक अप्रैल से 10 बैंकों का आपस में विलय हुआ है और 4 नए बैंक अस्तित्व में आए हैं। इसके चलते अब देश में बैंकों की संख्या 12 ही रह गई है। यही नहीं एक रिपोर्ट के मुताबित मोदी सरकार कुछ अन्य बैंकों के निजीकरण की य़ोजना बना रही है और देश में सरकारी बैंकों की संख्या 5 तक ही सीमित रखने पर विचार किया जा रहा है।


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jyoti choudhary

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