बैंकों और NBFCs का गवर्नेंस स्ट्रक्चर मजबूत किए बिना नहीं आएगी वित्तीय स्थिरता: शक्तिकांत दास

punjabkesari.in Saturday, Jan 16, 2021 - 02:53 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सरकारी और प्राइवेट बैंकों सहित नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों (NBFCs) के गवर्नेंस स्ट्रक्चर को और मजबूत करने की वकालत की है। शक्तिकांत दास ने शनिवार को 39वें पालखीवाला मेमोरियल लेक्चर (39th Palkhivala Memorial Lecture) में कहा कि जब तक बैंकों और NBFCs का गवर्नेंस स्ट्रक्चर मजबूत नहीं होगा, तब तक सिस्टम में वित्तीय स्थिरता नहीं आएगी। फाइनेंशियल स्टेबिलिटी के लिए बैंकों और NBFCs के गवर्नेंस स्ट्रक्चर को और मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस के स्ट्रक्चर को प्रभावी रिस्क मैनेजमेंट, उसके अनुपालन और आश्वासन तंत्र यानी एश्योरेंस मैकेनिज्म द्वारा समर्थन देना होगा। 

शक्तिकांत दास ने कहा कि RBI वित्तीय संस्थाओं की देखरेख यानी सुपरविजन पर फोकस्ड थी और हमने इन फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के स्ट्रेस के लक्षणों के बदले इनके मुख्य कारणों पर अपना ध्यान केंद्रित किया। इस वजह से हम इन्हें मुसीबत से बाहर ला पाए। उन्होंने कहा कि फाइनेंशियल स्टेबिलिटी के लिए वित्तीय संस्थाओं में इफेक्टिव अर्ली वॉर्निंग सिस्टम की जरूरत है। टेक्नोलॉजी की मदद से बैंकों और NBFCs में बेहतर रिस्क मैनेजमेंट संभव है। उन्होंने कहा कि बैंकों में उचित इंटरनल ऑडिट होना भी बहुत जरूरी है। 

NBFCs के लिए गाइडलाइंस जारी होगी
RBI गवर्नर ने कहा कि रिजर्व बैंक जल्द ही NBFCs के लिए गाइडलाइंस लेकर आएगी। उन्होंने कहा कि हमने दो बैंकों के फाइनेंशियल स्ट्रेस की तपरंत पहचान की और उनका सही समय पर समाधान किया। मार्च, 2020 में Yes Bank को क्राइसिस से निकलने में RBI ने SBI से बेलआउट पैकेज देने को कहा इसे स्ट्रेस से निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शक्तिकांत दास ने कहा कि इसी तरह लक्ष्मी विलास बैंक को DBS बैंक के साथ मर्ज करने का तुरंत फैसला लिया, ताकि लोगों के हितों को सुरक्षित किया जा सके। 

भारतीय अर्थव्यवस्था में हो रही तेज रिकवरी
शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में हो रही तेज रिकवरी आसानी से देखी जा सकती है। इस रिकवरी में देश के बैंकों की अहम भूमिका है। इकोनॉमिक रिकवरी के लिए इन बैकों को जिस पूंजी की जरूरत थी, वह उन्हें तुरंत मुहैया कराई गई। उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष में देश की GDP में 7.5% की गिरावट आने की संभावना है। ऐसे में हमें इकोनॉमिक रिवाइवल और ग्रोथ को सपोर्ट करना होगा।  
 


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jyoti choudhary

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