स्टील की बढ़ती कीमतों पर चीन की सख्ती का असर, आयरन ओर की कीमतों में भारी गिरावट

punjabkesari.in Tuesday, May 25, 2021 - 11:52 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः कोरोना के प्रभाव से मुक्त हो रही दुनिया में बढ़ रही स्टील की मांग से बेचैन चीन ने आयरन ओर की कीमतों पर काबू पाने के लिए सख्ती का चाबुक चलाना शुरू कर दिया है। इस महीने चीन में कमोडिटी एक्सचेंज डेलियन में आयरन ओर की कीमतों ने अपना उच्तम स्तर छुआ तो चीन ने आयरन ओर के ट्रेडरों पर सख्ती कर दी। पिछले सप्ताह की गई प्रशासनिक सख्ती से आयरन ओर की कीमतें सोमवार को लगातार चौथे दिन गिरी हैं। 

चीन में पिछले सप्ताह स्पॉट मार्किट में आयरन ओर की कीमतें 235  डॉलर प्रति टन थीं जो कम हो कर करीब 200 डॉलर प्रति टन रह गई हैं। फ्यूचर मार्किट में आयरन ओर का ज्यादा बुरा हाल है। पिछले हफ्ते डेनियल एक्सचेंज में आयरन ओर का सितंबर फ्यूचर 5.4 प्रतिशत गिर कर 1090  युआन प्रति टन पर बंद हुआ था और यह सोमवार को 9.5 प्रतिशत लुढ़क गया और अंत में 1016 युआन पर बंद हुआ। यह 15 अप्रैल के बाद आयरन ओर का सबसे निचला स्तर है। 

बैचैन चीन ने बढ़ाया आयरन ओर का आयात, रिकॉर्ड स्टील का निर्माण 
चीन दुनिया का 70 प्रतिशत सी बोर्न आयरन और खरीदता है और दुनिया का आधा स्टील चीन द्वारा बनाया जाता है। कोरोना के कम होते प्रभाव से दुनिया की इकॉनमी खुलने के कारण चीन ज्यादा स्टील निर्माण कर दुनिया भर में बेचना चाहता है लिहाजा इसने हर तरफ से आयरन ओर इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। चीन के आयात के आधिकारिक आंकड़े इस की पुष्टि करते हैं। चीन ने इस साल के पहले चार महीने में 381.98 मिलियन टन स्टील का आयत किया है और यह पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 6.7 प्रतिशत ज्यादा है। चीन ने साल के पहले चार महीने में  374.56 मिलियन टन स्टील का उत्पादन किया है और यह 2020 के पहले चार महीने के उत्पादन के मुकाबले 16 प्रतिशत ज्यादा है। 

पर्यावरण संबंधी प्रतिब्धताओं को भूला चीन 
हालांकि चीन ने पर्यावरण संबंधी अपनी प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखते हुए पिछले साल के कुल स्टील निर्माण 1065 बिलियन टन में कमी करने की बात कही हुई है लेकिन जिस रफ्तार से चीन में स्टील का निर्माण हो रहा है उसे देख कर लग रहा है कि वह पर्यावरण संबंधी अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं कर पाएगा क्योंकि स्टील निर्माण में बड़े स्तर पर एनर्जी का इस्तेमाल होता है जिस से प्रदूषण फैलता है। यदि चीन में स्टील के निर्माण की रफ्तार ऐसी ही रही तो स्टील की कीमतों में भी गिरावट का आसार नहीं है क्योंकि मांग और आपूर्ति के नियम के मुताबिक आप बाजार को ज्यादा देर तक नहीं रोक सकते।

ऐसे समझिए मांग और आपूर्ति का अंतर व कीमत का खेल   
 आयरन ओर की बढ़ती मांग

जापान 

यह एशिया का दूसरा बड़ा आयातक देश है। जापान ने अप्रैल में 8.99 मिलियन टन आयरन ओर आयत किया, यह सितंबर 2019 के बाद सबसे ज्यादा आयात है। 

दक्षिण कोरिया 
यह एशिया का तीसरा सबसे बड़ा आयातक है, इसने मार्च में 7.32, मिलियन टन आयरन ओर आयात किया, यह अक्तूबर 2015 के बाद सबसे ज्यादा है। हालांकि अप्रैल में उसका आयात थोड़ा कम हो कर 6.79 मिलियन टन रह गया लेकिन अप्रैल का स्टील निर्माण रिकॉर्ड स्तर पर रहा। 

यूरोप 
इस बीच यूरोप के आयरन ओर आयात में अप्रैल में लगातार तीसरे महीने वृद्धि दर्ज की गई और यह बढ़ कर 8.71 मिलियन टन पहुंच गया। 

मांग की बजाय आपूर्ति कम  
ब्राजील ने अप्रैल महीने में 25.75 मिलियन टन की शिपिंग की है और यह मार्च के 27.54 मिलियन टन के मुकाबले कम है। पिछले साल अगस्त-सितंबर महीने में ब्राजील 34 से 35 मिलियन टन आयन ओर की आपूर्ति कर रहा था लिहाजा यह अपने उच्तम स्तर से करीब 10 मिलियन टन कम आपूर्ति कर रहा है। 
  
आयरन ओर के सबसे बड़े निर्यातक आस्ट्रेलिया ने अप्रैल में 71.28 मिलियन टन आयरन ओर की शिपिंग की है और यह मार्च में उसके द्वारा की गई 76.73 मिलियन टन से करीब 5 मिलियन टन कम है। पश्चिमी आस्ट्रेलिया के आयरन ओर की आपूर्ति वाले क्षेत्र में चक्रवात आने से आपूर्ति बाधित हुई है। हालांकि मई महीने में आस्ट्रेलिया से होने वाले निर्यात में वृद्धि की उम्मीद है लेकिन यह 80  मिलियन टन की अपनी पूरी क्षमता के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएगा 

निष्कर्ष- मतलब साफ़ है कि कीमतों पर नियंत्रण तभी होगा यदि आयरन ओर की आपूर्ति अपने उच्तम स्टार पर पहुंचेगी और चीन अपने स्टील निर्माण में कमी करेगा इस बीच 2021 में दुनिया को धीरे धीरे मिल रही मुक्ति एक अहम् भूमिका अदा करेगी। कोरोना का प्रभाव कम हुआ तो आर्थिकता खुलेगी और आर्थिकता खुली तो स्टील और आयरन ओर दोनों की मांग बढ़ेगी और मांग बढ़ेगी तो कीमतें चीन के सख्ती वाले तरीके से कम नहीं हो पाएंगी।


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Content Writer

jyoti choudhary

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