दिवाली का तोहफा: सरकार ने घटाई एक्साइज ड्यूटी, पेट्रोल के दाम 5 रुपए तो डीजल के रेट 10 रुपए हुए कम
punjabkesari.in Thursday, Nov 04, 2021 - 05:52 AM (IST)
नई दिल्लीः सरकार ने आम लोगों को महंगाई से कुछ राहत देने के लिए बुधवार को महत्वपूर्ण कदम उठाया। ईधन के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद केंद्र ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच रुपए तथा 10 रुपए की कटौती की।
On eve of #Diwali, Government of India announces excise duty reduction on petrol and diesel. Excise duty on Petrol and Diesel to be reduced by Rs 5 and Rs 10 respectively from tomorrow pic.twitter.com/peYP1fA4gO
— ANI (@ANI) November 3, 2021
दिवाली की पूर्व संध्या पर की गई इस घोषणा से ईंधन की आसमान छूती कीमतों को नीचे लाने में मदद मिलेगी और महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को भी कुछ राहत मिलेगी। उत्पाद शुल्क में कमी चार नवंबर से प्रभाव में आएगी और इसके साथ पेट्रोल की कीमत दिल्ली में मौजूदा 110.04 रुपए प्रति लीटर से घटकर 105.04 रुपए प्रति लीटर जबकि डीजल की कीमत 98.42 रुपएप्रति लीटर से घटकर 88.42 रुपए प्रति लीटर हो जाएगी।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "भारत सरकार ने कल से पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच रुपए और 10 रुपए की कमी करने का एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आएगी।" यह उत्पाद शुल्क में की गई अब तक की सबसे अधिक कमी है और इससे साथ मार्च 2020 से मई 2020 के बीच पेट्रोल एवं डीजल पर करों में 13 रुपए और 16 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि का एक हिस्सा वापस ले लिया गया है। उत्पाद शुल्क में उस समय की वृद्धि से पेट्रोल पर केंद्रीय कर 32.9 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 31.8 रुपए प्रति लीटर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। बयान में कहा गया है कि उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए राज्यों से पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने का भी आग्रह किया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के बाद देश भर में खुदरा दरों के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद उत्पाद शुल्क में कमी की जा रही है। जहां सभी प्रमुख शहरों में पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर से ऊपर है, वहीं डीजल ने कई राज्यों में यह स्तर पार कर लिया है। ईंधन की कीमतों में लगातार हुई वृद्धि की विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की थी। खासकर कांग्रेस ने आलोचना करते हुए सरकार से उत्पाद शुल्क वापस लेने की मांग की थी। अप्रैल से अक्टूबर के खपत के आंकड़ों के आधार पर उत्पाद शुल्क में कटौती से सरकार को प्रति माह 8,700 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान होगा।
उद्योग सूत्रों के अनुसार इससे सालाना आधार पर एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का असर पड़ेगा। वहीं चालू वित्त वर्ष की बाकी अवधि के लिए, प्रभाव 43,500 करोड़ रुपए का होगा। उत्पाद शुल्क में कमी से मोटर चालकों को राहत मिलेगी। ट्रकों और कृषि क्षेत्र के लिए यह सबसे बड़ी राहत होगी जो डीजल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं।
बयान के मुताबिक किसानों ने अपनी कड़ी मेहनत से, ‘लॉकडाउन' के दौरान भी आर्थिक वृद्धि की गति को बनाए रखा और डीजल पर उत्पाद शुल्क में भारी कमी से उन्हें आगामी रबी सीजन के दौरान प्रोत्साहन मिलेगा। हाल के महीनों में, कच्चे तेल की कीमतों में वैश्विक स्तर पर उछाल देखा गया है। इस वजह से हाल के हफ्तों में पेट्रोल और डीजल की घरेलू कीमतों में वृद्धि हुई है, जिससे मुद्रास्फीति संबंधी दबाव बढ़ गया है।