कोविड के बावजूद बैंकों की कारोबार की स्थिति में सुधार, NPA में हुई कमीः RBI
punjabkesari.in Wednesday, Dec 29, 2021 - 10:53 AM (IST)
मुंबईः अर्थव्यवस्था पर कोविड19 के दौर भारी दुष्प्रभाव के बावजूद वर्ष 2020-21 में वाणिज्यिक बैंकों की एकीकृत बैलेंस-शीट में का विस्तार हुआ है और चालू वित्त वर्ष में बैंकों के ऋण करोबार में फिलहाल तेजी के प्रारंभिक संकेत दिख रहे हैं। यह बात भारतीय रिजर्व बैंक की एक ताजा रिपोर्ट से सामने आई है। इस रिपोर्ट के अनुसार इस साल सितंबर के अंत में वाणिज्यिक बैंकों के पास जमा राशि में सालाना आधार पर 10.1 प्रतिशक की वृद्धि रही। पिछले साल इसी अवधि में जमा वृद्धि 11 प्रतिशत थी।
बैंकों की सकल एनपीए का अनुपात मार्च 2021 में घट कर 7.3 प्रतिशत पर आ गया। मार्च 2020 में सकल एनपीए का अनुपात 8.2 प्रतिशत था। रपट के अनुसार सितंबर 2021 के अंत में बैंकों का सकल एनपीए (अवरुद्ध ऋण) घट कर सकल ऋण के 6.9 प्रतिशत पर आ गया था।
इसी तरह बैंकों का जोखिम भारांकित सम्पत्तियों के समक्ष पूंजी अनुपात (सीआरएआर) मार्च 2020 के14.8 प्रतिशत की तुलना में सुधर कर मार्च 2021 में 16.3 प्रतिशत और सितंबर 2021 के अंत में 16.6 प्रतिशत रहा। बैंकों ने इस दौरान बाजार से पूंजी जुटाई है। रिजर्व बैंक के अनुसार मार्च 2020 के अंत में बैंकों का सम्पत्ति पर प्रतिफल (आरओए) 0.2 प्रतिशत था जो मार्च 2021 में सुधर कर 0.7 प्रतिशत पर आ गया। यह आय में स्थायित्व और खर्च में कमी का नतीजा है।
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