डेबिट-क्रेडिट कार्ड से 10 हजार रुपए तक का लेनदेन हो सकता है मुफ्त

punjabkesari.in Monday, Sep 02, 2019 - 02:18 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत में लगभग हर कोई डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का उपयोग करता है। ऐसे में अब धारकों के लिए एक राहत भरा ऐलान हो सकता है। जल्द ही डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड से 10 हजार रुपए तक की खरीदारी करने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। सरकार के इस कदम से डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा। 

दरअसल मध्य प्रदेश में काम कर रहे बैंकों ने अपने ब्रांच मैनेजर्स से मिले फीडबैक के आधार पर यह सिफारिश स्टेट लेवल कमेटी (एसएलसी) ने भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से की। राज्य के सरकारी, प्राइवेट, सहकारी और ग्रामीण क्षेत्रीय बैंकों के मैनेजर्स से मिली सलाह पर बैंकों ने ये सिफारिश की। 

इतना है ऑनलाइन पेमेंट पर चार्ज 
मौजूदा समय में प्वाइंट ऑफ सेल या कार्ड स्वैप मशीन से दो हजार रुपए तक की खरीदारी करने पर छोटे दुकानदार से बैंक 0.4 फीसदी या आठ रुपए का मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) लेते हैं। वहीं बड़ें दुकानदार 0.9 फीसदी यानी 18 रुपए का एमडीआर लेते हैं।  

प्वाइंट ऑफ सेल या कार्ड स्वैप मशीन से 20,000 रुपए तक की खरीदारी करने पर छोटे दुकानदार से बैंक 0.4 फीसदी या 80 रुपए का मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) लेते हैं। वहीं बड़ें दुकानदार 0.9 फीसदी यानी 160 रुपए का एमडीआर लेते हैं। 

20 लाख रुपए तक के टर्नओवर वाले दुकानदार छोटे दुकानदार की श्रेणी में आते हैं। वहीं 20 लाख से ज्यादा टर्नओवर वाले दुकानदार बड़े दुकानदारों की श्रेणी में आते हैं। 

क्या है एमडीआर?
बता दें कि एमडीआर दुकानदार और बैंक के बीच कारोबारी लेनदेन होता है। इसका भार ग्राहकों पर ही डाला जाता है। दुकानदार ग्राहक से कार्ड के जरिए भुगतान पर लगने वाला शुल्क ग्राहकों से वसूलते हैं। वहीं क्यूआर कोड के जरिए भुगतान कराने वाली कंपनियां कैश बैक के जरिए यह शुल्क दुकानदार को लौटा देती हैं। 

बैंकों ने की मांग
बैंकों की मांग है कि ब्रांच में होने वाले नकद व्यवहार पर एक शुल्क तय किया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि बैंकों के लिए कैश हेंडलिंग खर्चीला है। इसलिए बैंक चाहते हैं कि इसका खर्च ग्राहकों पर ही डाला जाए। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

jyoti choudhary

Recommended News

Related News