क्रिप्टोकरेंसी: कहीं बैन तो कहीं बनी लीगल टेंडर…क्या चीन की राह पर है भारत!

punjabkesari.in Wednesday, Nov 24, 2021 - 06:33 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः क्रिप्टो करेंसी को लेकर मोदी सरकार एक्शन के मूड में है। संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में इसे लेकर सरकार बिल लेकर आ रही है। जिसमें प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगाने से लेकर इसके लिए नियम भी बनाए जा सकते हैं। इस विधेयक का नाम ‘द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ है। देश में बड़ी संख्या में लोगों ने बिटकॉइन जैसी कई क्रिप्टो करंसी में बड़ी मात्रा में निवेश किया हुआ है। मोदी सरकार के ताजा फैसले का असर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वाले लाखों लोगों पर पड़ सकता है। हालांकि यह मांग भी है कि अंतर्निहित तकनीक और इसके उपयोगों को बढ़ावा देने के लिए कुछ अपवादों को अनुमति दी जाए। 

आखिर क्या है क्रिप्टो
क्रिप्टोकरेंसी यानी डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है। इसे आप देख या छू नहीं सकते। लेकिन इसे ऑनलाइन वॉलेट में जमा कर सकते हैं, डिजिटल कॉइन के रूप में। इसे एक डिजिटल कैश  प्रणाली कह सकते हैं, जो कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर बेस्ड है। क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी किसी एक देश की सीमा या नागरिकों तक सीमित नहीं है बल्कि यह अलग-अलग देशों और नागरिकों से ताल्लुक रखती है।

चीन पहले ही कर चुका है बैन
चीन का सेंट्रल बैंक क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी सभी ट्रांजेक्शन को अवैध करार दे चुका है। साथ ही क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग के खिलाफ कार्रवाई करने की बात भी कह चुका है। उसने ये भी कहा है कि वह घरेलू निवेशकों को सेवा देने वाले विदेशी एक्सचेंजों पर पाबंदी लगाएगा। चीन में ऐसी कई कंपनियां हैं, जिन्होंने पिछले कई सालों में क्रिप्टो पर बड़ा दांव लगाया है, विशेष रूप से टेक इंडस्ट्री की कंपनियां। अब अगर भारत की बात करें तो भारत में भी कई निवेशकों का पैसा क्रिप्टोकरेंसी में लगा है। ऐसे में अगर भारत में इन पर बैन लगा तो कई निवेशकों की सांस हलक में अटक जाएगी। 

​इन देशों में भी क्रिप्टो पर है प्रतिबंध 
चीन के अलावा कुछ अन्य देश भी हैं, जिनमें क्रिप्टोकरेंसी या क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट्स पर प्रतिबंध है। इनमें नाइजीरिया, टर्की, बोलिविया, एक्वाडोर, अल्जीरिया कतर, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, वियतनाम के नाम प्रमुख हैं। मिस्त्र में शरिया कानून के तहत क्रिप्टोकरेंसी को हराम मान गया है, हालांकि यह प्रत्यक्ष तौर पर प्रतिबंधित नहीं है।

अल सल्वाडोर में लीगल टेंडर बन चुका है बिटकॉइन
एक ओर जहां कई देश क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी फैसला नहीं कर पा रहे हैं, वहीं मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर ने सितंबर माह में क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को कानूनी रूप से स्वीकार कर लिया था। अल सल्वाडोर में अब वित्तीय लेनदेन के लिए बिटकॉइन का भी इस्तेमाल हो सकेगा यानी बिटकॉइन वहां पर लीगल टेंडर बन चुका है। ऐसा करने वाला अल सल्वाडोर दुनिया का पहला देश है।


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Content Writer

Pardeep

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